इन्दौर। एक ओर जहां मकान मालिक-किराएदारों के विवाद वर्षों से चल रहे हैं, वहीं एक मकान मालिक ने ऐतिहासिक मिसाल पेश करते हुए गोमा की फेल के मकान में वर्षों से किराए से रह रहे चार किराएदारोंं को उन्हीं मकानों के दस्तावेज सौंपकर उन्हें मालिक बना दिया। इन सभी की आर्थिक हालत खस्ताहाल थी। इनमें से कुछ के परिजन की कोरोना काल के दौरान मृत्यु हो गई थी। मकान में रहने वाले परिवारों की स्थिति को देखते हुए मकान मालिक ने जो उदारता दिखाई, उसमें क्षेत्रीय पार्षद की भूमिका प्रमुख रही।
गोमा की फेल में समाजसेवी सत्यनारायण गुप्ता, गोविंद गुप्ता, विजय गुप्ता और दिनेश गुप्ता के परिवार का वर्षों पुराना पुश्तैनी मकान था। पिछले दिनों बारिश के दौरान मकान गिरने से वहां रहने वाले चार किराएदारों के परिवारों पर संकट आ गया था। इनमें से कई परिवारों की आर्थिक हालत बेहद खराब थी और कई के परिजनों की मृत्यु कोरोना काल के दौरान हो गई थी। मामले की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय पार्षद और एमआईसी मेंबर नंदकिशोर पहाडिय़ा ने गुप्ता परिवार से चर्चा कर उन्हें इस बात के लिए राजी किया कि गरीब परिवारों को मकान का मालिकाना हिस्सा दे दिया जाए और इससे उस परिवार को रहने के लिए छत मिल जाएगी। गुप्ता परिवार ने भी दरियादिली दिखाई और चारों किराएदारों को मकान मालिक बनाने के दस्तावेज तैयार कर उन्हें एक कार्यक्रम आयोजित कर सौंपे गए। कार्यक्रम में विधायक महेंद्र हार्डिया भी शामिल हुए और उन्होंने गुप्ता परिवार के साथ किराएदारों को दस्तावेज सौंपे।
एक परिवार ऐसा, जिसके पिता कोरोना में चल बसे, घर में छह बहनें
वहां रहने वाले गोविंद सेठिया की कोरोना के बाद मृत्यु हो गई थी और उनके परिवार में पत्नी के अलावा 6 बहनें हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में सेठिया परिवार ने भी पार्षद पहाडिय़ा से मिलकर अपनी पीड़ा बताई थी और उसके बाद से ही वहां के मकान को लेकर चर्चा का दौर शुरू हुआ और आखिर में सफलता मिल ही गई।
30-35 लाख रुपए की संपत्ति की मात्र 1 रुपए में बिक्री बताई
करीब एक हजार स्क्वेयर फीट का यह मकान आज के मान से 30-35 लाख रुपए की कीमत रखता है और गुप्ता परिवार ने चारों किराएदारों को यह जमीन देने के लिए अपनी सहमति दे दी थी और उसके बाद बकायदा इसके रजिस्ट्रार विभाग से प्रक्रियाएं पूरी की गईं और एक रुपए में सम्पत्ति की बिक्री बताकर सभी चारों किरोदारों के नाम पर दस्तावेज तैयार कराए गए। दस्तावेज तैयार होते ही किराएदारों के चेहरे की खुशी साफ नजर आर ही थी। एक समारोह में जब उन्हें कागजात सौंपे गए तो कुछ के खुशी के आंसू भी छलक पड़े। पहाडिय़ा के मुताबिक अब परिवारों को वहां अन्य मदद दिलाने के भी प्रयास किए जाएंगे।
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