नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अनुमुल रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. तेलंगाना की 119 सीटों में से 64 पर जीत हासिल कर कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया है. रेड्डी साल 2017 में तेलुगुदेशम पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए थे और 2021 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. अपने 17 साल के पॉलिटिकल करियर में जिला परिषद सदस्य, विधायक और सांसद के बाद रेवंत रेड्डी अब मुख्यमंत्री बन गए हैं. वैसे तो रेड्डी के पास करोड़ों की दौलत है, लेकिन फिर भी उनके अकाउंट में 0 रुपए है.
इस अकाउंट में नहीं है एक भी रुपए
Myneta के डाटा के मुताबिक, तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के कोडंगल ब्रांच SBI में एक भी रुपए नहीं है. उनका ये अकाउंट जीरो बैलेंस पर चल रहा है. इसके अलावा SBI के अलग अकाउंट में 3 लाख रुपए से ज्यादा पैसे जमा हैं. उनके अलग-अलग SBI अकाउंट में करीब 35 लाख रुपए जमा हैं. वहीं, रेवंत रेड्डी और उनकी पत्नी के जॉइंट अकाउंट में करीब 82,594 रुपए जमा हैं. वहीं, My Neta Info के मुताबिक 51 साल के रेड्डी की नेटवर्थ 30 करोड़ रुपये है.
इतनी है दौलत
चुनाव आयोग के दिए गए हलफनामे के मुताबिक रेड्डी ने 2014 चुनावों के बाद से कई प्रॉपर्टीज खरीदी है. इस दौरान उनकी अचल संपत्ति 4.44 करोड़ रुपये से बढ़कर 7.79 करोड़ रुपये पहुंच गई है. यानी नौ साल में इसमें 3.48 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. हाल में उन्होंने सेरिलिंगमपल्ली में जमीन खरीदी है. हलफनामे के मुताबिक चार साल में उनका निवेश और शेयरों की वैल्यू 51 लाख रुपये से बढ़कर 1.75 करोड़ रुपये पहुंच गई है. उनकी पत्नी गीता रेड्डी के पास 9.44 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. अचल संपत्ति की बात करें तो रेवंत रेड्डी के नाम 8,62,33,567 रुपये की प्रॉपर्टी है, जबकि गीता रेड्डी के नाम 15,02,67,225 रुपेय की अचल संपत्ति है. अचल संपत्ति में जमीन, एग्रीकल्चर लैंड और घर शामिल हैं. उनकी कुल 1,90,26,339 रुपये की देनदारी है.
इतने क्रिमिनल केस
रेवंत रेड्डी के खिलाफ कुल 89 क्रिमिनल केस चल रहे हैं. हालांकि, किसी भी मामले में उन्हें दोषी घोषित नहीं किया गया है. 89 में से 34 मामले आपराधिक मामलों में सजा देने वाली आईपसी की धारा 506 के तहत दर्ज हैं. 38 केस सेक्शन 504 में दर्ज हैं, यह धारा शांति भंग करने के मकसद से जानबूझकर अपमान करने से जुड़ी है. 21 केस सेक्शन धारा-153 के हैं, जो दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने के लिए है. बाकी केस अन्य मामलों में दर्ज हैं.
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