- विधानसभा चुनाव के लिए आयोग की तैयारियां तेज
- भिंड, भोपाल, रीवा, छतरपुर, जबलपुर, ग्वालियर, मुरैना, सागर और सिंगरौली के सर्वाधिक विधानसभा क्षेत्रों को किया शामिल
भोपाल। नवंबर में मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मतदान में अधिक से अधिक मतदाता भाग लें, इसके लिए जागरुकता अभियान तो चलाया ही जाएगा, साथ ही आयोग यह भी पता लगाएगा कि 2018 के विधानसभा क्षेत्र में कुछ क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत प्रदेश के औसत या उसे जिले में कम क्यों रहा था। इसके कारण 30 हजार मतदाताओं से पूछे जाएंगे। सर्वे में भिंड, भोपाल, रीवा, छतरपुर, जबलपुर, मुरैना, ग्वालियर, सागर और सिंगरौली के सर्वाधिक विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यह काम बूथ लेवल आफिसर मई में करेंगे और जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय मतदान के प्रति मतदाताओं को जागरुक करने अभियान चलाएगा।
प्रदेश में वर्ष 2018 में 75.63 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया था। 75 विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे जिनमें प्रदेश के औसत या जिले के विधानसभा क्षेत्रों में अन्य की तुलना में मतदान कम था। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इसके कारण मतदाताओं से ही जानने का निर्णय किया है। इसके लिए मतदान केंद्र स्तर पर सर्वे कराया जाएगा। बूथ लेवल आफिसर प्रत्येक आयु वर्ग के मतदाताओं से मतदान कम रहने के कारण पूछेंगे और प्रतिवेदन बनाकर जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से प्रदेश कार्यालय को भेजेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि पिछले चुनाव में मतदान प्रतिशत अच्छा रहा था लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह औसत से कम था। हम जानना चाहते हैं कि मतदान को लेकर इस अरुचि का कारण क्या रहा। इसके आधार पर मतदाता जागरुकता कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। आशा, उषा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ पटवारी, रोजगार सहायक आदि को मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए संपर्क और संवाद करने का दायित्व दिया जाएगा।