अयोध्या । श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) के महासचिव (General Secretary) चंपत राय (Champat Rai) ने कहा कि रामनगरी अयोध्या (Ramnagari Ayodhya) में बन रहे (Being Built) राममंदिर (Ram Temple) का काम तीस प्रतिशत (Thirty Percent Work) पूरा हो चुका है (Completed)।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का तीस प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। नींव को केवल कंक्रीट से तैयार किया गया है। इसमें लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है। कर्नाटक और तेलंगाना से पत्थर मंगाए गए हैं। चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के दो चरण काम पहले ही पूरा हो चुका है। अब तीसरे चरण का काम चल रहा है। ग्रेनाइट के पत्थरों का ब्लॉक बनाया गया है। ब्लॉक पांच फीट लंबा, ढाई फीट चौड़ा और तीन फीट ऊंचा है। एक ब्लॉक करीब ढाई टन का है। 37.5 घन फिट आकार का एक ब्लॉक है।
राय ने बताया कि मंदिर के रोलर कंप्लीटेड कंक्रीट की डिजाइन आईआईटी मद्रास ने तैयार की थी। ये कंक्रीट इस प्रकार की है, ताकि 1000 साल तक कृतिम चट्टान के रूप में जमीन के नीचे जीवित रहे। यह आरसीसी 10 इंच मोटी 48 परतों में डाली गई। गर्भग्रह 56 परतें डाली गई है। यह संपूर्ण कार्य लगभग 09 महीने (जनवरी 2021 से सितंबर 2021 ) तक में पूरा हुआ। आरसीसी और उसके ऊपर राष्ट्र राफ्ट दोनों को मिलाकर भावी मंदिर की नींव कहा जाएगा। नींव की इस डिजाइन और ड्राइंग पर आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी आईआईटी मद्रास ,आईआईटी मुंबई, एनआईटी सूरत सीबीआरआई रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो,टाटा कंसलटिंग इंजिनियर्स ने सामूहिक कार्य किया है। अंत में इस में हैदराबाद की संस्था एनजीआरआई ने सहयोग किया। यह कहा जा सकता है कि देश की महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग संस्थानों के सामूहिक चिंतन का यह परिणाम है।
चंपत राय ने बताया कि मंदिर के पश्चिम दिशा में 500 मीटर दूरी पर सरयू नदी का प्रवाह है। पूर्व से पश्चिम सीमा की तरफ 10 मीटर का ढलान है। तेज बारिश में मिट्टी कटकर पश्चिम में जाने का खतरा है। इसलिए मिट्टी का कटाव रोकने के लिए जमीन के नीचे एक रिटनिर्ंग वाल डाली जा रही है। यह रिटर्निंग वाल 12 मीटर गहराई से डाला जा रहा है। समुद्र तल से 93 मीटर लेवल इसका कार्य प्रारंभ किया गया। यह रिटर्निंग वाल 12 मीटर चौड़ी है। इसका निर्माण बांध के आकार से किया गया है। यह मंदिर के परकोटे से बाहर है। इसमें लोहे का सरिया डाला गया है। रिटर्निंग वाल और मंदिर के प्लिंथ ऊंची करने का काम साथ साथ चल रहा है। बहुत जल्द हम मंदिर में नक्काशीदार पत्थरों को लगाना शुरू कर देंगे।
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