नई दिल्ली । यूरोपीय संघ (European Union) ने अपने नागरिकों (Citizens) को सतर्क रहने के लिए कहा है। साथ ही नए दिशा निर्देशों में आपातकाल की स्थिति से निपटने के लिए तीन दिनों का भोजन पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा है। खबरें हैं कि संघ ने रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच जारी युद्ध के हवाले से ये दिशा निर्देश जारी किए हैं। ईयू का कहना है कि संकट की स्थिति से बचने के लिए कम से कम 72 घंटों के लिए जीवन की जरूरी चीजों की व्यवस्था कर लें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूरोपीय आयोग ने कहा, ‘विकट स्थिती में शुरुआती दौर सबसे अहम होता है।’ आयोग ने यूरोप की मानसिकता बदलने की बात पर जोर दिया है। साथ ही ‘तैयार रहने’ और ‘लचीला’ बने रहने की बात पर जोर दिया है।
क्या कहा
एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ ने 27 सदस्य देशों के नागरिकों से अपील की है कि 3 दिनों की सर्वाइवल किट तैयार कर लें। मंगलवार को यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने कहा कि यूरोप को खुद को सैन्य आक्रामकता से बचाने के लिए सभी तैयारियां कर लेनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि बगैर सुरक्षा की व्यवस्था किए शांति रखना भ्रम है।
उन्होंने कहा, ‘अगर रूस ने यूक्रेन की सीमा को सिर्फ एक रेखा समझा है, तो वह किसी और देश की सीमा का सम्मान क्यों करेगा?’ इस सर्वाइवल किट में ID से जुड़े दस्तावेज, पानी, एनर्जी बार और फ्लैशलाइट जैसी चीजें शामिल करने के लिए कहा है। खबरें हैं कि दस्तावेज में यूक्रेन और रूस युद्ध का हवाला दिया गया है। साथ ही आयोग ने स्कूल में भी ‘तैयार’ रहने की शिक्षा दिए जाने की बात कही है।
यूरोप के सभी सहयोगी यूक्रेन के लिए प्रस्तावित सैन्य बल के लिए सहमत नहीं: फ्रांस
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन में शांति समझौते के लिए सैनिकों की प्रस्तावित तैनाती पर सभी यूरोपीय सहयोगी सहमत नहीं हैं और केवल कुछ ही इसमें भाग लेना चाहते हैं। रूस के साथ युद्ध विराम के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाने के मद्देनजर फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन और उसकी सेना को मजबूत करने पर आयोजित शिखर सम्मेलन को समाप्त करने के बाद कहा, ‘यह सर्वसम्मति से नहीं हुआ है। इसके लिए हमें सर्वसम्मति की आवश्यकता नहीं है।’
लगभग 30 देशों के नेताओं तथा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) और यूरोपीय संघ के प्रमुखों की मेजबानी में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन तीन वर्ष से अधिक समय से चल रहे युद्ध के अहम मोड़ पर हुआ है, जब लड़ाई समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के कारण युद्ध विराम कराने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved