नई दिल्ली। अगर आपकी उम्र 45 वर्ष से ज्यादा है तो 1 अप्रैल से आप कोरोना की वैक्सीन(Corona vaccine) लगवा सकते हैं। केंद्र सरकार (central government) ने वैक्सीन (vaccine) के लिए बीमारी का सर्टिफिकेट (Certificate of illness) लाने की शर्त वापस ले ली है। केंद्रीय कैबिनेट (Central cabinet) की मीटिंग में फैसला हुआ कि अब 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के हर व्यक्ति को कोरोना का टीका लगाया जाएगा, भले ही उसे कोई बीमारी नहीं हो। अब तक 45 से 60 वर्ष का कोई व्यक्ति अगर तयशुदा बीमारी या बीमारियों से ग्रस्त होने पर ही वैक्सीन लगवाने के योग्य हुआ करता था। उसे अपनी बीमारी का प्रमाण पत्र पेश करने के बाद ही वैक्सीन रजिस्ट्रेशन (Vaccine registration) की प्रक्रिया पूरी हो पाती थी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर(Union Minister Prakash Javadekar) ने कैबिनेट का फैसला बताते हुए कहा, “हमें पता है कि भारत में वैक्सीनेशन अच्छा और तेजी से हो रहा है। आज तक चार करोड़ 83 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इनमें से 80 लाख लोगों को दूसरी डोज मिल चुकी है। पिछले 24 घंटे में रेकॉर्ड साढ़े 32 लाख लोगों को डोज दी गई हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हुई। टास्क फोर्स की सलाह के आधार पर दो फैसले किए गए हैं। पहला फैसला यह है कि 1 अप्रैल के बाद 45 के ऊपर कोई भी हो सबको वैक्सीन उपलब्ध होगी।”
जावड़ेकर ने कहा कि वैक्सीन लगाने के लिए 45 साल से ऊपर के व्यक्ति को डॉक्टर का सर्टिफिकेट लाने की जरूरत नहीं है। 45 से ऊपर उम्र है, तो उसे मिलेगी। उन्होंने कोवीशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच की टाइमिंग बढ़ाए जाने के नए निर्देश पर कहा कि यह वैज्ञानिकों की राय है। उन्होंने बताया, “दूसरा फैसला यह लिया गया है कि जो वैक्सीन के दरम्यान 4 से 6 सप्ताह का गैप था, उसे अब वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोविशील्ड का डोज चार से आठ सप्ताह तक लेना फायदेमंद है। इसलिए हमारी सबको दरख्वात है कि जो भी 45 से ऊपर है, वह अपना नाम रजिस्टर करें और अपॉइंटमेंट लेकर टीका लगाएं।”
ध्यान रहे कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से शुरू हुई थी। तब सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर्मचारियों (Frontline Workers) को कोविड वैक्सीन लगाई गई। 1 मार्च से टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हुआ तो 60 वर्ष से ऊपर के बजुर्गों को प्राथमिकता दी गई। साथ ही, 45 से 60 वर्ष के वैसे लोगों को भी टीका लगाए जाने का प्रावधान किया गया हो किसी-न-किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। सरकार ने ऐसे लोगों के लिए बीमारी का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य कर दिया था।
अब जब 1 अप्रैल से टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण शुरू होगा तो किसी को बीमारी का प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि 45 वर्ष से ऊपर के हर व्यक्ति को वैक्सीन दिए जाने का ऐलान किया जा चुका है। दरअसल, 9 फरवरी के बाद से देश में कोरोना की दूसरी लहर आ गई। उस दिन से देश के अलग-अलग राज्यों में डेली कोरोना केस की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। 15 से 21 मार्च के बीते हफ्ते में तो कोरोना केस में हैरतअंगेज वृद्धि दर्ज की गई। खासकर महाराष्ट्र ने तो 21 मार्च को पिछले कोरोना पीक को भी पार कर लिया। ऐसे में एक्सपर्ट्स टीकाकरण अभियान का दायरा बढ़ाकर इसमें तेजी लाने की सलाह दे रहे थे जिसे सरकार ने मान लिया।
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