बांदा. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा में चोरी की एक दिलचस्प घटना (interesting incident) सामने आई है. यहां पहले तो चोरों ने वेल्डिंग की एक दुकान से हजारों के सामान पर हाथ साफ कर दिया, लेकिन बाद में पीड़ित की परेशानी जान चोरों का न सिर्फ दिल पसीज गया बल्कि वह काफी इमोशनल भी हो गए. चोरों ने पीड़ित का एक-एक सामान लौटा दिया और उससे लिखकर माफी मांगी. घटना के पीछे गलत सूचना को जिम्मेदार (Responsible) बताया. चोरों ने इसके लिए बाकायदा चुराए गए सामान को एक बोरी और डिब्बे में पैक किया और उसके ऊपर एक पेपर में माफीनामा (apology) लिखकर चिपका दिया. यह घटना पुलिस के साथ साथ अब इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.
जानकारी के अनुसार, जिले के बिसंडा थाना इलाके के चन्द्रायल गांव (Chandrayal Village) में रहने वाले दिनेश तिवारी आर्थिक तौर पर काफी गरीब हैं. उन्होंने कुछ समय पहले ब्याज में 40 हजार रुपये का कर्ज लेकर वेल्डिंग का नया काम डाला था. रोजाना की तरह 20 दिसंबर की सुबह जब वह अपनी दुकान खोलने पहुंचे तो दुकान का ताला टूटा मिला और औजार समेत अन्य सामान चोरी हो चुका था. जिसके बाद उन्होंने घटना की सूचना बिसंडा थाने में दी. मौके पर दरोगा के न मिलने के कारण केस दर्ज नहीं हो सका. 22 दिसंबर के दिन उन्हें गांव के लोगों से पता चला कि उनका सामान घर से कुछ दूरी पर एक खाली स्थान पर पड़ा है. चोर दिनेश का सामान गांव की ही एक खाली जगह पर फेंक गए थे.
गलत लोकेशन की वजह से…
लौटाए गए सामान के साथ चोरों ने एक पेपर नोट चिपका दिया, जिसमें लिखा, “यह दिनेश तिवारी का सामान है. हमें बाहरी आदमी से आपके बारे में जानकारी हुई. हम सिर्फ उसे जानते हैं जिसने लोकेशन (सूचना) दी कि वह (दिनेश तिवारी) कोई मामूली आदमी नहीं है. पर जब हमें जानकारी हुई तो हमें बहुत दुःख हुआ. इसलिए हम आपका सामान वापस देते हैं. गलत लोकेशन की वजह से हमसे गलती हुई.” माफीनामे से साफ है कि चोर बाहरी थे और इलाके के लोगों से वाकिफ नहीं थे, लेकिन चोरों की मदद करने वाला शख्स स्थानीय था और उसने जानबूझकर चोरों को गरीब के घर का पता दिया.
पीड़ित की जुबानी
सामान वापस मिलने से खुश पीड़ित दिनेश ने बताया, “मेरी वेल्डिंग की दुकान में 20 दिसंबर को चोरी हो गई थी, जब मैं उस दिन वहां पहुंचा तो चोर वहां से 2 वेल्डिंग मशीन, 1 कांटा (तौलने वाला), 1 बड़ी कटर मशीन, 1 ग्लेंडर और 1 ड्रिल मशीन कुल 6 सामान चोरी कर ले गए थे. मैंने उसी दिन थाने में सूचना दी तो मुझे वहां से बोला गया कि दरोगा जी मौके पर चोरी का मुआयना करने आएंगे, लेकिन फिर कोई नहीं आया. फिर बीते कल मुझे गांव के किसी व्यक्ति ने बताया कि तुम्हारा सामान सड़क किनारे एक जगह पर पड़ा हुआ है. जब मैं वहां पहुंचा तो उसमें मेरा पूरा सामान था और ऊपर से एक पर्चा चिपका था, जिसमें लिखा था कि- यह चोरी गलती से हो गई थी.”
भगवान ने मेरी रोजी-रोटी बचा ली
दुकानवाले ने बताया, ”हालांकि चोरी किसने की? यह न मुझे पहले पता था और न सामान मिलने के बाद पता है. भगवान ने मेरी रोजी-रोटी बचा ली, मैं इसी में खुश हूं. मैंने गांव के चौकीदार के माध्यम से थाने को सूचना दे दी है कि चोरी गया सामान मिल गया है.”
SHO बोले, मैं तो खुद हैरान हूं
उधर, चोरी की वारदात न दर्ज करने वाले बिसंडा थाने के SHO विजय कुमार सिंह ने हंसी के ठहाके लगाते हुए बताया, “इस चोरी के बारे में मुझे कुछ नहीं पता है, न चोरी होने का और न सामान मिलने का, मैं तो खुद हैरान हूं. ये हास्यास्पद आपको नहीं लग रहा है कि चोर चोरी करे और सामान लौटा जाए. मैंने अपने इतने सालों की नौकरी में ऐसा कभी नहीं सुना कि यह तो बिल्कुल फिल्मों जैसी बात हो गई कि चोर लिख रहा है कि मैं चोर हूं और तुम गरीब हो, इसलिए तुम अपना सामान ले लो. आप यकीन मानिए आज 23 तारीख है, लेकिन न मेरे थाना स्टाफ ने और न ही किसी और ने मुझे इसके बारे में बताया. मैं तुरंत पीड़ित से बात कर लेता हूं. यह बहुत रोचक मामला है, मैं जरूर उससे मिलने जाऊंगा.”
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