इंदौर। एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसकी सगाई हो चुकी थी। यह साफ नहीं हुआ है कि उसने यह कदम क्यों उठाया है। खजराना पुलिस ने बताया कि आशीष विहार कॉलोनी के रहने वाले 25 साल के संजय पिता मोहन को फांसी के फंदे से उतारकर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया। संजय राजकुमार ब्रिज के पास डेंटिंग-पेंटिग का काम करता था। करीब 3 माह पहले ही उसकी ब्यावरा की रहने वाली एक युवती से सगाई हुई थी। पुलिस मोबाइल में सबूत जुटाकर पता लगा रही है कि उसने यह कदम क्यों उठाया है।
जीएसीसी की छात्रा ने भी फांसी लगाई
जीएसीसी की एक छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह भाई और बहन के साथ इंदौर में किराए से रहकर पढ़ाई करती थी। 18 साल की शिवानी पिता रमेश के शव का एमवाय अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ। शिवानी मूलरूप से धार जिले के सालखेड़ा गांव की रहने वाली थी। यहां इंदौर में जीएसीसी कॉलेज में पढ़ाई करती थी, साथ ही वह सूरज नगर में किराए के कमरे में बड़ी बहन आशा और छोटे भाई शिवम के साथ रहती थी। कल रात को आशा और शिवम सो रहे थे, इस बीच शिवानी ने यह कदम उठा लिया।
डिलेवरी के बाद महिला की अस्पताल से हुई छुट्टी, फिर संदिग्ध मौत हो गई
एक विवाहिता की संदिग्ध मौत हो गई। उसका मायका मुंबई में है। आजाद नगर इलाके की रहने वाली 23 साल की शायरा बानो पति शहनवाज की पांच दिन पहले अस्पताल में डिलेवरी हुई थी। उसने बेटे को जन्म दिया था। इसके बाद अस्पताल से छुट्टी हो गई। उसके पति शहनवाज का कहना है कि बाथरूम में उसकी तबीयत बिगड़ी थी। अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने मृत बता दिया।
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