नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच विवाद जारी है. इस बीच राजनयिकों को लेकर कनाडा के बयान पर भारत सरकार ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को जवाब दिया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बयान जारी कर बताया, ” हमने कनाडा सरकार के 19 अक्टूबर (गुरुवार) को राजनयिकों को लेकर दिया गया बयान देखा. कनाडा के डिप्लोमैट भारत में ज्यादा हैं. वो हमारे आतंरिक मामले में निरंतर दखल देते हैं.”
बयान में आगे कहा गया कि नई दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता की गारंटी है. हम इसको लेकर पिछले महीने से कनाडाई पक्ष के साथ बात कर रहे हैं. इस समानता को लागू करने को लेकर हमारा कदम सही है, हमने जो किया वो वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 11.1 के तहत है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में इसे चित्रित करने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करते हैं.
Parity in Canadian diplomatic presence in India:https://t.co/O1fqsrOx8n pic.twitter.com/WxJojOrr5D
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) October 20, 2023
कनाडा ने क्या कहा है?
कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि उनके देश के 41 राजनयिकों को मिली छूट वापस लेने की भारत की धमकी दिए जाने के बाद कनाडा ने इन राजनयिकों सहित उनके परिवारों को वापस बुला लिया है.
जोली ने गुरुवार को कहा, ‘‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि भारत ने 20 अक्टूबर यानी कल तक दिल्ली में सेवारत 21 कनाडाई राजनयिकों को छोड़कर सभी अन्य राजनयिकों और उनके परिवारों की राजनयिक छूट एकतरफा तरीके से हटाने की अपनी योजना की औपचारिक रूप से जानकारी दी है.’’
कनाडा और भारत में विवाद कैसे शुरू हुआ
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में दावा किया था कि निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई हत्या में भारतीय एजेंट का हाथ हो सकता है. इस आरोप को भारत ने बेतुका बताते हुए कहा था कि ये राजनीति से प्रेरित है.
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