सिरोंज। सिरोंज के नगरी एवं आसपास के क्षेत्रों में अवैध कालोनियों का मकडज़ाल दिन प्रतिदिन फैलता जा रहा है इस मकडज़ाल में मध्यम एवं गरीब वर्ग के लोग फंस रहे हैं इन अवैध कॉलोनाईजऱों द्वारा जिम्मेदारों से सांठगांठ कर बे खौफ होकर शासकीय पट्टे की भूमि कस्टोडियन की भूमि चरनोंई की भूमि वन विभाग एवं वक्फ बोर्ड और कब्रस्तानों को खुर्द बुर्द कर कालोनियां काटी जा रही हैं वहीं शहरी क्षेत्र के आसपास कृषि भूमि को समतल कर कालोनियों का लगातार निर्माण किया जा रहा है जिसमें बिना टीएनसीपी एवं ईडब्ल्यूएस के नजऱ अंदाज़ कर शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है फिर भी शासन के नुमाइंदों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शहर में लगभग 70 कालोनियां मौजूद हैं
सिरोंज के नगरीय एवं शहर के आसपास लगभग 70 कालोनियां मौजूद हैं जिनमें से अधिकतर अवैध कालोनियों में आती हैं लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी जाती हो तो वे लोग जांच का हवाला देकर टालमटोल कर देते हैं वही शहर में कट रही कालोनियों में अधिकतर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त दबंग और अधिकारियों के संरक्षण में काटी जा रही हैं तभी तो इन पर नियम अनुसार कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है और अगर कोई आम इंसान इस कार्य को करता है तो प्रशासन द्वारा कार्रवाई की धमकी दी जाती है।
कृषि भूमि पर काटी जा रही है कालोनियां
सिरोंज के नगरीय एवं शहर के आसपास भू माफियाओं द्वारा महंगे दामों पर कृषि भूमि खरीदी जा रही हैं और उनको समतल करके शासन के नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम अवैध रूप से कालोनिया काटी जा रही है जिस की ओर स्थानीय प्रशासन से लेकर जिले के आला अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित नहीं हो रहा है ।
हरे भरे वृक्षों को काटकर कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है
सिरोंज शहर में अवैध कॉलोनाइजरों द्वारा बड़ी संख्या में हरे भरे वृक्षों को काटकर कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है अब यह बात समझ से परे है कि जिम्मेदारों द्वारा हरे-भरे वृक्षों को काटने की अनुमति कैसे दी जा रही है या फिर जिम्मेदारों की मिलीभगत एवं सांठगांठ से बिना अनुमति के ही इन लोगों द्वारा हरे-भरे वृक्षों को काटकर कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है ये जांच का विषय है।
शासकीय भूमि से मुरम कोपरा निकालकर इन अवैध कॉलोनियों में खपाया जा रहा है
भू माफियाओं द्वारा दिन के उजाले में और रात के अंधेरे में खुलेआम वेखोफ होकर शासन-प्रशासन की परवाह न करते हुए दिनदहाड़े शासकीय भूमि से बड़ी मात्रा में कोपरा मुरम निकालकर मोटे दामों पर इन अवैध कॉलोनियों में खपाया जा रहा है जिससे शासन को हर माह लाखों रुपए के राजस्व की हानि तो हो ही रही है वही शासकीय भूमियों का सीना छलनी छलनी किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांधकर तमाशबीन बने हुए हैं।
बड़े-बड़े होर्डिंग बोर्ड व पंपलेट के माध्यम से सपने दिखाकर करते हैं लोगों को गुमराह
इन कॉलोनाइजरों द्वारा कृषि भूमि पर बड़े-बड़े होर्डिंग बोर्ड एवं पंपलेट में लोक लुभावने सपने दिखाकर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा है इन अवैध कॉलोनाइजरों द्वारा अपने गुर्गों के माध्यम से लोक लुभावने वादे एवं कई तरह के सपने दिखाकर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है वादे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता वर्षों पुरानी काटी गई कालोनियों में आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई है बड़ी संख्या में लोग आज भी नर किए जीवन जीने को मजबूर हैं । जैसे ही प्लाटों की बुकिंग पूरी हो जाती है तो यह लोग उस कॉलोनी की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखते और फिर यह सामग्री नए स्थान पर ले जाकर नई कॉलोनी प्रारंभ कर देते हैं उसमें भी बड़े स्तर पर डेकोरेशन किया जाता है और शासन की सभी मान्यताओं का लोगों को भरोसा दिलाया जाता है लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी होता कुछ नहीं है जिससे लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं ।
पानी की निकासी के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं रहती
शहर में संचालित हो रही है नई एवं पुरानी कालोनियों में पानी निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से कॉलोनी में खाली पड़े प्लाटों में गंदा पानी भरा रहता है जो बदबू मारता है और उस गंदे पानी की वजह से मच्छरों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है जिससे कॉलोनी वासी परेशान है और तरह-तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं वही बारिश के समय पानी की निकासी नहीं होने की वजह से बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं और लोगों के घरों में पानी भर जाता है जिससे घर में रखी खाद्य सामग्री एवं घर का सामान खराब हो जाता है और बाढ़ से पीडि़त लोगों को मुआवजा सरकार को देना पड़ता है यह कौन सा नियम है मुनाफा तो कॉलोनाइजर कमाए और बाढ़ पीडि़तों को मुआवजा सरकार दे ।
ईडब्ल्यूएस नाम के प्लाट भी हड़प जाते हैं कॉलोनाइजर
शासन द्वारा ईडब्ल्यूएस लागू किया गया है जिसमें आरक्षण का नियम है और जिसमें मध्यम वर्ग के लिए कुछ राहत दी गई है लेकिन मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में इनका कॉलोनाइजर ओ द्वारा शासन के नियमों को ताक पर रखकर ऐसे लोगों को ना देते हुए अपनी मनमर्जी के मुताबिक ऊंचे दामों पर बेच दिए जाते हैं।
टीएनसीपी के बिना कट रही है बड़ी संख्या में कालोनियां
शासन द्वारा टीएनसीपी लागू किया गया है ताकि कॉलोनाइजर ओ द्वारा लोगों के साथ ठगी ना की जा सके लेकिन इन लोगों द्वारा बिना टीएनसीपी के कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है और अपने होर्डिंग बोर्ड एवं पंपलेट में शासकीय मान्यता प्राप्त कॉलोनी लिखकर लोगों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है ।
पानी की टंकी दिखाई जाती है लेकिन बनाई नहीं जाती
कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनी में सभी सुविधाएं दिए जाने का वादा तो किया जाता है उसमें पानी सप्लाई के लिए टंकी दिखाई जाती है लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक कॉलोनाइजरों द्वारा पानी टंकी नहीं बनाई गई है जिससे आज भी कॉलोनी वासी पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं कॉलोनाइजरों एवं अधिकारियों की मिलीभगत के चलते लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं जिससे लोग काफी परेशान नजर आ रहे हैं सबसे अधिक परेशानी गर्मी के समय होती है कॉलोनी में निवास करने वाले लोग दूर-दूर से पानी लाते देखे गए हैं ।
पार्क दिखाए जाते हैं पर बनाए नहीं जाते
कॉलोनाइजरों द्वारा होर्डिंग बोर्ड एवं पंपलेट में बड़े-बड़े पार्क के फोटो दिखाए जाते हैं और लोगों से कहा जाता है कि पार्क में स्वच्छ वातावरण बैठने के लिए कुर्सियां झूले पीने के पानी की व्यवस्था सहित अनेक प्रकार की सुविधाएं देने का भरोसा दिलाया जाता है लेकिन वास्तव में ऐसा होता कुछ नहीं है सिर्फ प्लाट बेचने का यह हथकंडा मात्र है ।
धार्मिक स्थल के नाम लोगों के साथ किया जा रहा है छलावा
कॉलोनाइजरों द्वारा अपने गुर्गों के माध्यम से ग्राहकों से कहा जाता है कि इस स्थान पर भव्य धार्मिक स्थल बनाया जाएगा और उसमें तरह तरह की सुविधाएं मौजूद रहेंगी लेकिन ऐसा होता कुछ नहीं है यह लोग लोक लुभावने वादे तो करते हैं सारे प्लाट बुक होने के बाद यह लोग अपने वादे से मुकर जाते हैं और धार्मिक स्थान, पार्किंग का स्थान, पार्क वाले स्थान को पिलाटों में तब्दील कर बेच देते हैं ।
इनका कहना है
प्लाट लेते समय तो कॉलोनाइजर ने हमसे कहा था रोड नाली बना कर देंगे और पानी का इंतजाम भी करेंगे लेकिन उनके द्वारा कोई सुविधा नहीं दी जा रही है सड़क नहीं है नाली नहीं है पीने का पानी नहीं है पानी निकासी नहीं होने के कारण गंदा पानी इक_ा हो रहा है आने जाने वाले लोगों के कपड़े गंदे हो जाते हैं ।
उमाशंकर शर्मा, गोकुलधाम कॉलोनी सिरोंज
अवैध कॉलोनियों की रिहायशी इलाकों में कितनी है उसकी हम सूची तैयार कर नियमानुसार कार्यवाही करेंगे।
बालमुकुंद कुशवाह, प्रभारी सीएमओ, नगर पालिका
शासन द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा बिना भेदभाव पूर्ण सख्त एक्शन लिया जाएगा अगर कोई अवैध कॉलोनी काटता है तो।
हर्षल चौहान, एसडीएम सिरोंज
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