महोबा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि वो (They)उत्तर प्रदेश को लूटकर (Looting UP) नहीं थकते थे (Did not get tired), हम (We) काम करते-करते (Working) नहीं थकते हैं (Do not get tired) । दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखी हैं। पहली बार बुंदेलखंड के लोग, यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार को देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री शुक्रवार को महोबा में 32 अरब 64 करोड़ 74 हजार रुपये लागत की परियोजनाओं का तोहफा दिया। उन्होंने बटन दबाकर पेयजल परियोजनाओं का शुभारंभ किया। बटन दबाते ही अर्जुन बांध और कबरई बांध से जल का प्रवाह शुरू हो गया। इस मौके पर विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखी हैं। पहली बार बुंदेलखंड के लोग, यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार को देख रहे हैं। वो उत्तर प्रदेश को लूटकर नहीं थकते थे, हम काम करते-करते नहीं थकते हैं। बुंदेलखंड को लूटकर पहले की सरकार चलाने वालों ने अपने परिवार का भला किया। आपका परिवार बूंद-बूंद के लिए तरसता रहे, इससे उनको कोई सरोकार नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है। वह लोग समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। केन-बेतवा लिंक का समाधान भी हमारी ही सरकार ने निकाला है, सभी पक्षों से संवाद करके रास्ता निकाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं।
कहा, मां नर्मदा और सरदार सरोवर के आशीर्वाद से जैसी सफलता हमने गुजरात में पाई वैसी ही सफलता बुंदेलखंड में पाने के लिए हम दिन रात जुटे हैं। हमारे गुजरात के कच्छ में भी पलायन होता था और देश में जनसंख्या बढ़ती थी और कच्छ की जनसंख्या कम होती थी। जब हमें मौका मिला तो आज कच्छ में लोग आकर अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
कहा कि समय के साथ यही क्षेत्र पानी की चुनौतियों और पलायन का केंद्र कैसे बन गया? क्यों इस क्षेत्र में लोग अपनी बेटी को ब्याहने से कतराने लगे, क्यों यहां की बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी की कामना करने लगीं। इन सवालों के जवाब महोबा के लोग, बुंदेलखंड के लोग जानते हैं।
उन्होंने कहा कि 2017 में योगी सरकार आने के बाद अर्जुन सहायक परियोजना पर काम शुरू किया गया। बीते 7 सालों में हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने में ले आए हैं, महोबा उसका साक्षात गवाह है। ये धरती ऐसी योजनाओं, ऐसे फैसलों की साक्षी रही है, जिन्होंने देश की गरीब माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन में बड़े और सार्थक बदलाव किए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महोबा का क्षेत्र तो सैंकड़ों वर्ष पहले जल संरक्षण और प्रबंधन का उत्तम माडल हुआ करता था। बुंदेल, परिहार और चंदेल राजाओं के काल में यहां तालाबों और सरोवरों पर जो काम हुआ वह आज भी जल संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है। सिंध, बेतवा, केन जैसी नदियों के पानी ने बुंदेलखंड को समृद्धि और प्रसिद्धि भी दी। यही बुंदेलखंड का चित्रकूट की धरती ने प्रभु राम को आशीर्वाद दिया और वन संपदा ने उनका साथ दिया। लेकिन सवाल यह है कि कुछ समय बाद यही क्षेत्र पानी की चुनौतियां और पलायन का केंद्र कैसे बन गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साथियों इन लोगों ने बुंदेलखंड के साथ जैसा बर्ताव किया उसे यहां के लोग कभी भी भूल नहीं सकते। नलकूप हैंडपंप की बातें तो बहुत हुईं लेकिन पहले की सरकारों ने नहीं बताया कि भूजल के अभाव में उससे पानी कैसे आएगा। ताल-तलैया के नाम पर फीते बहुत काटे लेकिन हुआ क्या मुझसे बेहतर आप जानते हैं। बांधों और तालाबों के नाम पर खुदाई की योजनाओं में कमीशन, सूखा राहत में घोटाले, बुंदेलखंड को लूटकर पहले की सरकार चलाने वालों ने अपने परिवार का भला किया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और यूपी में लंबे समय तक शासन करने वालों ने इस क्षेत्र को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां के संसाधनों को कैसे माफिया के हवाले किया गया है, यह किसी से छिपा नहीं है। अब देखिये जब इन्हीं माफिया पर यूपी में बुलडोजर चल रहा है तो कुछ लोग हाय तौबा मचा रहे हैं। ये लोग कितनी भी तौबा मचा लें, यूपी के विकास के काम बुंदेलखंड के विकास के काम रुकने वाले नही हैं।
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