इंदौर। शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 52 गौतमपुरा में बच्चों को पढ़ाने के लिए जब आईएएस अधिकारी अभिलाष मिश्रा पहुंचे तो वह यह देखकर दंग रह गए की स्कूल तो उनके आगमन की सूचना से सजा कर रखा गया था लेकिन स्कूल में एक भी बच्चा नहीं था। इस पर मिश्रा ने वहां उनके स्वागत के लिए खड़ी स्कूल की 6 शिक्षिकाओं से बच्चों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सर आज तो एक भी बच्चा नहीं आया। यह सुनकर अचंभित मिश्रा उल्टे पैर वापस लौटने ही वाले थे कि उन्हें बताया गया कि आप थोड़ा रुक कर इंतजार कीजिए हम बच्चों को घर से बुलाकर लाते हैं।
इसके बाद भरपूर जतन किए गए और उसके परिणाम स्वरूप घर पर मस्ती करने में लगे 6 बच्चों को स्कूल तक लाने में सफलता मिल गई। बस फिर क्या था इतने बच्चे तो बहुत होते हैं। इन बच्चों के साथ नगर निगम के अपर आयुक्त ने क्लास ली और बच्चों को ज्ञान दिया। जब मिश्रा स्कूल से रवाना होने लगे तब बच्चों ने कहा सर ईद मुबारक। इस घटनाक्रम ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति को एक बार फिर उजागर कर दिया है। ध्यान रहे कि जिस स्कूल में एक भी बच्चा नहीं मिला उस स्कूल में 120 बच्चों के एडमिशन है और 6 शिक्षकों की पदस्थापना है। अब शिक्षा विभाग के द्वारा इन छह शिक्षकों को किस कार्य का वेतन दिया जा रहा है और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्कूलों की स्थिति पर क्या नजर रख रहे हैं, यह विचार का प्रश्न है।
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