नई दिल्ली। ज्योतिष अनुसार (according to astrology) शनि का राशि परिवर्तन किसी के जीवन में खुशियां लेकर आता है तो किसी के कष्ट बढ़ाने के काम करता है। क्योंकि शनि जब भी राशि बदलते हैं तो किसी पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाती है तो किसी पर शनि ढैय्या। वहीं किसी को शनि की दशा से मुक्ति मिल जाती है। आने वाले समय में 12 जुलाई को शनि फिर से मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। 2022 में ही शनि का ये दूसरी बार गोचर होगा (will pass for the second time)। जानिए ये गोचर कर्क, वृश्चिक और मीन वालों के लिए खास क्यों माना जा रहा है।
2022 में शनि की चाल: 2022 में शनि का दो बार राशि परिवर्तन होना है। जिनमें से पहली बार राशि परिवर्तन 29 अप्रैल को हो चुका है और दूसरी बार राशि परिवर्तन 12 जुलाई को होने जा रहा है। 29 अप्रैल को शनि ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था और अब 12 जुलाई को शनि देव कुंभ से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यानी शनि इस दौरान अपनी पिछली गोचर राशि मकर में दोबारा से प्रवेश कर जायेंगे। जहां ये 17 जनवरी 2023 तक विराजमान रहेंगे।
शनि कर्क, वृश्चिक और मीन वालों को देंगे बड़ी राहत: शनि 12 जुलाई से 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में विराजमान रहेंगे। ये अवधि कर्क, वृश्चिक और मीन वालों के लिए राहत भरी साबित होगी। क्योंकि इस दौरान इन तीनों राशियों को शनि की दशा से मुक्ति मिल जाएगी। जानिए कैसे?
कर्क और वृश्चिक जातकों को शनि ढैय्या से मिलेगी मुक्ति: शनि 29 अप्रैल 2022 में शनि ने जब कुंभ राशि में प्रवेश किया था तब कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो गई थी। लेकिन अब जब शनि 12 जुलाई को मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब इन राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। 17 जनवरी 2023 तक कर्क और वृश्चिक राशि के जातक शनि ढैय्या से मुक्त रहेंगे। लेकिन 17 जनवरी के बाद इन राशियों पर फिर से शनि ढैय्या शुरू हो जाएगी।
मीन वालों को शनि साढ़े साती से मिलेगी मुक्ति: इस राशि वालों के लिए शनि का गोचर राहत देने वाला साबित होगा। क्योंकि 12 जुलाई से लेकर 17 जनवरी 2023 तक आप शनि साढ़े साती से मुक्त रहेंगे। लेकिन 17 जनवरी के बाद आप पर फिर से शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी।
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