शरीर में इन्सुलिन हार्मोन (Insulin hormone) की से डायबिटीज बीमारी (Diabetes disease) होती है। डायबिटीज आनुवांशिक (Diabetes genetic) या उम्र बढ़ने पर या मोटापे के कारण या तनाव के कारण हो सकता है। डायबिटीज (Diabetes) ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति को काफी परहेज से रहना होता है। परहेज न करने के दूरगामी परिणाम बुरे होते है। आज बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। व्यस्त जीवन-शैली और अनियंत्रित खानपान भी इसकी एक वजह है। हालांकि, डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल रखना काफी आवश्यक होता है। क्योंकि, अगर ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाए, तो इससे आपकी जान को भी खतरा हो सकता है।
शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल करने के लिए योग बेहद ही फायदेमंद साबित हो सकता है। रोजाना योग करने से ना सिर्फ डायबिटीज (Diabetes) को कंट्रोल किया जा सकता है बल्कि कई बीमारियों को भी दूर रखा जा सकता है। ब्लड शुगर को खानपान (food and drink) में बदलाव के साथ शारीरिक क्रियाओं के जरिए भी कंट्रोल किया जा सकता है। योग तनाव को दूर करने के साथ ही शरीर में बढ़े हुए ग्लूकोज (Glucose) के लेवल को कंट्रोल करता है।
नौकासन:
इस योगासन का रोजाना अभ्यास करने से ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए एड़ियों और पंजों को आपस में मिलाएं। अब अपने दोनों पैर, हाथ और गर्दन को सामांतर ऊपर की तरफ उठाएं, ताकि शरीर का पूरा भार आपके नितंभों पर आ जाए। इस स्थिति में कुछ समय के लिए रहें।
उत्तान पादासन होगा फायदेमंद :
इस आसन के जरिए डायबिटीज में बढ़ने वाले ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल किया जा सकता है। रोजाना उत्तानपादासन का अभ्यास करने से आपका बैली फैट भी कम होता है। इसके लिए जमीन पर लेटकर अपने पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इस अवस्था में कमर को जमीन से जितना संभव हो, ऊपर की तरफ उठाएं। साथ ही सांस छोड़ते हुए गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं। इस प्रक्रिया को कई बार करें।
पवनमुक्तासन होगा लाभदायक :
यह योगासन ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को कंट्रोल करने के साथ ही गैस की समस्या , कब्ज और बवासीर से परेशान लोगों को भी फायदा पहुंचाता है। यह योगासन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। इसके लिए अपनी पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाएं। सांस को नियंत्रित रखें। अपने पैरों को एक साथ उठाएं और पैर के घुटनों को मोड़ें लें। अपने हाथ से पैरों को जकड़ लें।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशन डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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