नई दिल्ली। एड्स (AIDS) और कैंसर (Cancer), ये 2 ऐसी बीमारियां हैं. जिनके बारे में सुनते ही इंसान डर के मारे कांप जाता है. लोगों में धारणा है कि जिन्हें यह बीमारी हो जाती है, उनकी जिंदगी के दिन गिनती के रह जाते हैं. हालांकि अब एड्स पर हुई रिसर्च ने एक नई आस बंधाई है. रिसर्च में पता चला है कि अर्जेंटीना (Argentina) के Esperanza शहर में रहने वाली 30 साल की महिला ने अपने मजबूत इम्यून सिस्टम(immune system) के जरिए एड्स (AIDS) को हरा दिया है. डॉक्टरों ने इस महिला की पहचान छुपाने के लिए उसे ‘Esperanza Patient’ नाम दिया है. दिखने में खूबसूरत और एथलेटिक फिगर वाली महिला अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी. इसी दौरान वर्ष 2013 में उसे अपने शरीर में एड्स होने की जानकारी मिली. कुछ सालों बाद उसके बॉयफ्रेंड की मौत हो गई.
दोनों महिलाओं ने नहीं ली कोई भी थेरेपी
डॉक्टरों के मुताबिक अपने दम-खम से एचआईवी वायरस (HIV) को हराने वाली दोनों महिलाओं ने इलाज करवाने के लिए कभी भी एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी नहीं ली. इसके बावजूद उनके शरीर में एचआईवी वायरस अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं रहा और आखिरकार उनकी इच्छाशक्ति से हार गया.
विशेषज्ञों के मुताबिक जब भी कोई व्यक्ति एचआईवी (HIV) से संक्रमित होता है, तो वायरस उनकी प्रतिरक्षा कोशिका के डीएनए से जुड़ जाता है और फिर वहीं से प्रजनन करता रहता है. ऐसे में उस वायरस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है. यह थेरेपी इस वायरस को पूरी तरह खत्म नहीं करती हालांकि उसके शरीर में फैलने की स्पीड को कम जरूर कर देती है.
इस तरह पाई खतरनाक वायरस पर जीत
मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में काम करने वाले डॉ यू ने कहा कि एड्स (AIDS) को हराने वाली दोनों महिलाओं की जांच से पता चला कि उनके शरीर में प्रवेश करने वाले एचआईवी वायरस (HIV) जीनोम के निष्क्रिय हिस्से, जिसे जीन डेजर्ट भी कहते हैं, में बस गए थे. इस हिस्से में बसने की वजह से वे शरीर को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नहीं रहे. वहीं शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंचे वायरस के बाकी कणों को महिलाओं के मजबूत इम्यून सिस्टम ने खत्म कर दिया.
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