• img-fluid

    महाबली छत्रसाल नाटक में छा गए छतरपुर के ये दो नौजवान पत्रकार

  • May 25, 2023

    किरदार देखना है तो सूरत न देखिए
    मिलता नहीं ज़मीं का पता आसमान से।

    सहाफत (पत्रकारिता) का काम बड़ी भाग दौड़ का होता है। असाइनमेंट, एक्ससीलुसिव खबरें, रूटीन आईटम और डेडलाइन्स पर काम करते सहाफी (पत्रकार) कभी कभी अपने काम से थक भी जाते हैं। अपने आप को हल्का फुल्का रखने के लिए कुछ सहाफी सोशल वर्क तो कुछ कुदरत से जुड़ते हैं। आइये आपका तार्रुफ़ कराएं बुंदेलखंड के शहर और महाराजा छत्रसाल की नगरी छतरपुर के दो सहाफियों (पत्रकारों) से। ये हैं बंसल न्यूज़ के जि़ला संवाददाता शिवेंद्र शुक्ला और राज एक्सप्रेस और पेप्टेक टाइम्स न्यूज़ चैनल के सीनियर रिपोर्टर अंकुर यादव। बेशक सहाफत में तो इनकी पहचान पूरे बुंदेलखंड इलाक़े में भोत जानदार है। बाकी ये दोनों छतरपुर में नायाब थियेटर आर्टिस्ट के तौर पे बी जाने जाते हैं। शिवेंद्र बताते हैं के करीब 40-42 बरस पेले छतरपुर में रंगान्दोलन की इब्तिदा हुई थी। तब निहाल सिद्दीकी, प्रकाश तिवारी, अज़मत अली और अमर व्यास ने यहां काफी प्ले किये। लेकिन बीच के अरसे में यहां थियेटर एक्टिविटी थम सी गई। करीब पंद्रह सोलह बरसों में छतरपुर में शंखनाद और इप्टा की इकाई ने मिल के कई नाटक खेले। अब छतरपुर में हर बरस फरवरी में ड्रामा फेस्टिवल होता है। नाटकों पर वर्कशॉप भी होती हैं। जिसमे आलोक चैटर्जी अपना नट सम्राट यहां खेल चुके हैं। शंखनाद बच्चों का थियेटर समर केम्प भी करता है। शंखनाद छतरपुर में हर साल पांच छह प्ले करता है।


    जिससे छतरपुर की थियेटर एक्टिविटी की गूंज पूरे देश मे सुनाई दे रही है। पत्रकार अंकुर यादव और शिवेंद्र शुक्ला ने महाबली छत्रसाल नाटक में अहम किरदार निभाए हैं। दरअसल शिवेन्द्र इस नाटक के निर्देशक हैं। अंकुर ने छत्रसाल का लीड रोल किया है। अंकुर कहते हैं कि 6 साल से वो छत्रसाल का लीड रोल कर रहे हैं। ये नाटक जबलपुर, सागर सहित बुंदेलखंड के कई शहरों के अलावा भोपाल और दिल्ली तक मे खेला गया। अखबारों में उम्दा कवरेज मिला। छत्रसाल का नायाब किरदार निभाने पर विरासत उत्सव समिति ने अंकुर यादव को बुंदेलखंड गौरव एजाज़ से नवाजा है। इस नाटक के अलावा शिवेंद्र शुक्ला और अंकुर यादव ताजमहल का टेंडर, हरिशंकर परसाई का एक हसीना पांच दीवाने, बेहमई कांड पर आधारित अगरबत्ती नाटकों में भी काम कर चुके हैं। शिवेंद्र शुक्ला अब नाटकों का निर्देशन भी करते हैं। शंखनाद और इप्टा की टीम गांधी आश्रम में रिहर्सल करती है। नगरपालिका के ऑडिटोरियम में नाटक खेले जाते हैं। दोनो सहाफी बताते हैं कि नाटकों से जि़न्दगी में बड़ा अनुशासन आ गया है। वक्त की पाबंदी से लेकर जि़म्मेदारी का भाव और किरदार की सच्चाई हम लोग भीतर तक महसूस करते हैं। भोत उम्दा भाई लोगों आपकी सहाफत के साथ ही नाटकों में भी उम्दा पेचान बने सूरमा येई दुआ करता है।

    Share:

    कमलनाथ सरकार में हुए फैसलों को लेकर आरटीआई लगाएगी भाजपा

    Thu May 25 , 2023
    कांग्रेस का पलटवार- कहीं ऐसा ना हो कि 18 साल के घोटाले उजागर हो जाएं भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने खास प्लान बनाया है। दरअसल मध्य प्रदेश में 15 महीने रही कांग्रेस सरकार में हुए फैसलों को लेकर भाजपा आरटीआई लगाएगी और सरकारी योजनाओं में […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved