नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के गंभीर प्रकोप के बाद अब देश के तमाम हिस्सों में डेंगू बुखार के कारण हालात बिगड़ते हुए देखे जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली में अब तक डेंगू के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं, तेजी से बढ़ते मामलों के कारण स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा चरमराता दिख रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार डेंगू के नए वैरिएंट्स देखने को मिल रहे हैं, यही वजह है कि हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। मच्छरों के काटने से फैलने वाले इस रोग में ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगता है, गंभीर स्थितियों में यह रोगी की मौत का भी कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिन स्थानों पर मच्छर ज्यादा होते हैं, वहां डेंगू का खतरा अधिक होता है। यही कारण है कि डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को मच्छरों से बचाव के उपाय करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक इस बार ज्यादातर रोगियों में दो गंभीर प्रकार के डेंगू के मामलों का निदान किया जा रहा है, जिसने चिंता बढ़ा दी है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
डेंगू सीरोटाइप-2 : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कई रोगियों में डेंगू सीरोटाइप-2 (DEN-2) की पहचान की जा रही है, जिसे सामान्य डेंगू से कहीं ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। इस प्रकार के डेंगू के कारण रक्तस्रावी बुखार हो सकता है। इस प्रकार के डेंगू के मामलों से पीड़ित रोगियों का ब्लड प्रेशर तेजी गिरने लगता है, जिससे शॉक लगने या मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा तेज बुखार के कारण रोगी के लसीका तंत्र को भी नुकसान पहुंच सकता है, जिससे नाक से खून आने या त्वचा के नीचे से खून जमने की समस्या हो सकती है।
एफेब्रिल डेंगू : डॉक्टर कहते हैं, सामान्यतौर पर माना जाता है कि डेंगू में लोगों को बहुत तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या होती है, हालांकि एफेब्रिल डेंगू के लक्षण इससे बिल्कुल अलग हैं। इस तरह के डेंगू के शिकार लोगों में बुखार तो नहीं होता है हालांकि उनके प्लेटलेट्स में काफी तेजी से कमी होने लगती है। ऐसे रोगियों में सामान्य डेंगू से विपरीत जोड़ों में दर्द की समस्या भी कम हो रही है। इस तरह के डेंगू को ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसमें रोगी को तब तक इस बारे में पता नहीं चल पाता है जब तक उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब नहीं हो जाती।
डेंगू का इलाज क्या है? : डॉक्टर बताते हैं, वैसे तो अब तक डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है, हालांकि दवाइयों के माध्यम से लक्षणों को कम करने का प्रयास किया जाता है। डेंगू में रोगियों के रक्त में प्लेटलेट्स में कमी होना सामान्य है, ऐसे में पहला लक्ष्य प्लेटलेट्स के स्तर को बढ़ाना होता है। ज्यादा से ज्यादा आराम और तरल पदार्थों के सेवन करने से लक्षणों को जल्दी ठीक करने में मदद मिल सकती है।
डेंगू से बचाव कैसे करें? : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू से बचे रहने के लिए सबसे आवश्यक है, मच्छरों से बचाव के उपाय करना। मच्छरों को पनपने से रोकने, मच्छर भगाने वाली दवाओं, आस-पास की साफ सफाई और मच्छरदानी का उपयोग करके डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा डेंगू से बचाव के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के भी उपाय करते रहने चाहिए। दिन में पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रखने चाहिए।
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