नई दिल्ली. होली इस बार देशभर में 18 मार्च, 2022 दिन शुक्रवार (Friday) को मनाई जाएगी. वहीं होलिका दहन 17 मार्च को होगा. होली को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं, जिसमें से एक पौराणिक कथा भगवान विष्णु(Lord Vishnu) के भक्त प्रह्लाद से जुड़ी है. होलिका भक्त प्रह्लाद की बुआ थीं. अपने भाई हिरण्यकश्यप(Hiranyakashipu) के आदेश पर वे भक्त प्रह्लाद को गोद में उठाकर धधकती आग में प्रवेश कर गईं. होलिका (Holika) को वरदान प्राप्त था कि आग उन्हें जला नहीं सकती है. पढ़ें होली की पौराणिक कथा, जानें तिथि व होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होली रंग बिरंगी त्यौहार हैं ,यह उत्साह, उमंग,खुशी(enthusiasm, excitement, joy) का त्योहार हैं ,होली भारत सहित पुरे दुनिया में मनाया गाने वाला त्योहार हैं ,होली मुख्य रूप से रंगो का त्योहार हैं।
होली का त्योहार लोग अलग -अलग रंगो से मनाते हैं ,रंग ,अबीर आदि के साथ होली मुख्य रूप से मनाया जाता हैं ,होली के समय का लोग मुख्य रूप से पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं ,होली का त्योहार अलग -अलग रंगो और अबीर के मनाया जाता हैं।
होली के बारे एक बहुत ही प्राचीन कथा हैं ,होली के दिन से पहले यानि रात को होलिका जलाया जाता हैं ,होलिका दहन में लोग होलिका के साथ ही अपने -अपने बुराइयो को भी जला देते हैं।
होली के त्योहार में बच्चे मुख्य रूप से फिचकारी व रंग के साथ होली खेलते हैं ,होली के समय पुरे भारत में अवकाश रहता हैं , लोग अपने -अपने परिवार के साथ पर्व को मनाते हैं।
बतादे की होली के त्योहारहोली इस बार देशभर में 18 मार्च, 2022 दिन शुक्रवार (Friday) को मनाई जाएगी. वहीं होलिका दहन 17 मार्च को होगा. के बाद हिंदुओं का नव वर्ष भी आता हैं ,जिसे मनाया जाता हैं ,होली का त्योहार आपसी प्रेम व भाईचारे का त्योहार हैं , होली का त्योहार देश के अलग -अलग जगहों में अलग -अलग तरीके से मनाया जात्ता हैं ,लोग इस दिन एक दूसरे को होली की बधाई देते हैं ,साथ ही होली का त्योहार सभी मनाते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करता है. कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें)
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