नई दिल्ली। एक तरफ जहां कोरोना(Corona) के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं, और तीसरी लहर (third wave) किसी भी वक्त दस्तक दे सकती है। ऐसे में डरा देने वाली कुछ और समस्याएं भी सामने आ रही हैं। देश के अलग अलग राज्यों के अस्पतालों से एक रहस्यमय संक्रमण के मामले देखे जा रहे हैं। इसे ब्लैक फंगस (Black Fungus) बताया जा रहा है। इस संक्रमण की वजह से कोविड मरीजों (Covid Patients) की स्थिति गंभीर हो रही है। डॉक्टरी भाषा में इसे श्लेष्मा (Mucormycosis) के नाम से जाना जा रहा है। अब तक भारत(India) में हजारों ब्लैक फंगस के मामले सामने आ गए हैं।
चेहरे के लक्षण
अगर आपको यह फंगल इंफेक्शन हो गया है तो इसकी वजह से आपको गाल की हड्डी में दर्द हो सकता है। यह एक तरफ या दोनों तरफ हो सकता है, यह इस फंगल इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण है। बाद में इस इंफेक्शन की वजह से कई चेहरे पर घाव भी बन सकते हैं। इसके अलावा कई स्किन से संबंधित कई दूसरी समस्याओं को भी यह इंफेक्शन जन्म दे सकता है।
आंखों पर असर
विशेषज्ञ बताते हैं कि जैसे जैसे ब्लैंक फंगल इंफेक्शन किसी व्यक्ति को अपनी चपेट में लेता है तो उसकी आंखों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण आंखों में सूजन और रोशनी भी कमजोर पड़ सकती है। इसके अलावा आंखों का लाल होना भी इस फंगल इंफेक्शन के मुख्य लक्षणों में से एक है।
ब्लैक फंगस कैसे पहचानें
अगर किसी व्यक्ति को यह फंगल इंफेक्शन है तो सबसे पहले इसका असर चेहरे पर दिखाई देता है। हालांकि, इसके अलावा भी शरीर के दूसरे अंगों पर इसके निशान दिख सकते हैं। इससे जुड़े लक्षणों के बारे में नीचे पढ़िए।
मस्तिष्क से जुड़े लक्षण
एक्सपर्ट बताते हैं कि फंगल इंफेक्शन होने पर यह आपके मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से भूलने की समस्या, न्यूरोलॉजिकल समस्या जैसी स्थिति का सामना कर पड़ सकता है। ऐसे में मरीज को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
असहनीय सिरदर्द
अगर किसी व्यक्ति ने फंगल मोल्ड को सांस के जरिए अंदर ले लिया है तो यह बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है। यह साइनस कैविटी और नर्व्स पर अटैक करता है। इसकी वजह से आपको भयंकर सिर दर्द का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे लक्षणों को गंभीरता से लें।
आंखों और नाक के पास काले धब्बे
इस फंगल इंफेक्शन के लक्षण सबसे पहले चेहरे पर ही दिखाई देते हैं। अगर यह इंफेक्शन किसी को होता है तो शुरुआत में आंखों और नाक के पास काले धब्बे दिखाई दे सकते हैं। वहीं, अगर समय पर समस्या का उपचार न कराया जाए तो पीड़ित को दांत और जबड़े से हाथ भी धोना पड़ सकता है।
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