नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। कई राजनीतिक दलों ने 28 मई को होने वाले समारोह का बहिष्कार किया है। इसमें राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम भी जुड़ गया है।
संयुक्त बयान हो सकता है जारी
सूत्रों के मुताबिक, समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को लेकर विचार-विमर्श किया है। कहा जा रहा है कि जल्द ही सदन के सभी नेता एक संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। इसमें कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार की घोषणा की जाएगी। हालांकि, कई पार्टियां पहले ही कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात कह चुकी हैं।
राष्ट्रपति के अपमान का आरोप
गौरतलब है, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर सवाल उठ रहे हैं। नेताओं का कहना है कि भवन का उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू के हाथों न कराकर पीएम मोदी से कराना राष्ट्रपति का अपमान है। इसलिए ही एक के बाद एक राजनीतिक दल समारोह का बहिष्कार करते जा रहे हैं। आइए जानते हैं अभी तक किस-किस पार्टी और उनके नेताओं ने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात कही है।
इन राजनीतिक दलों ने किया बहिष्कार
संजय सिंह ने कही यह बात
आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू जी को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है। यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। पीएम मोदी की ओर से महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित नही करने के विरोध में आम आदमी पार्टी उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी।
एनसीपी का एलान
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि एनसीपी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। पार्टी ने इस मुद्दे पर अन्य समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के साथ खड़े होने का फैसला किया है।
डीएमके ने ये कहा
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम भी ऐसा ही करेंगे। वहीं, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी डीएमके पार्टी की सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि हमारी पार्टी भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। हमने बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
बीआरएस का फैसला अभी बाकी
बीआरएस सांसद के केशव राव का कहना है कि हमने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, अभी फैसला लेना है। उन्होंने कहा कि समारोह में शामिल नहीं की अधिक संभावना है। पर अपने फैसले की घोषणा कल करेंगे।
टीएमसी ने पीएम मोदी को घेरा
लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि टीएमसी 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी। राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्विटर पर लिखा कि संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है। यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है। यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है। प्रधानमंत्री मोदी शायद यह नहीं समझते। उनके लिए रविवार को नई इमारत का उद्घाटन ‘मैं, मेरा और मेरे लिए’ से ज्यादा कुछ नहीं है। इसलिए हमें इससे बाहर ही समझें। भाकपा महासचिवडी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी समारोह में शामिल नहीं होगी।
आखिर क्यों नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर हो रहा विरोध
दरअसल, 28 मई को दोपहर 12 बजे पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। इस बीच सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उद्घाटन के अवसर पर बधाई संदेश जारी कर सकते हैं।
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