डेस्क। हाल ही में भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर में गिरावट देखी गई है लेकिन तीसरी लहर का खतरा फिर से देश के ऊपर मंडरा रहा है। कहा जाता है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि वयस्कों को भी सही समय पर डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए।
उनके लक्षणों को दाईं ओर स्वीकार करने से लोगों को मदद तो मिलेगी, लेकिन एमआईएस-सी समेत गंभीर स्थितियों के जोखिम को भी कम किया जा सकेगा। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि जितना हो सके बच्चों को जोखिम भरे वातावरण से न केवल बचाएं बल्कि शुरुआती लक्षणों पर भी नजर रखें।
बच्चों में कोविड-19 के लक्षणों में गले में खराश और खांसी शामिल हो सकते हैं। एक सताती खांसी, आवाज बैठना और गले में खराश COVID-19 की वजह से अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की सूजन के लक्षण हो सकते हैं। एक और लक्षण नाक बहना हो सकता है। कई बच्चों को नाक बहने, नाक बंद होने, या गंध की कमी के साथ नाक बहने जैसे लक्षणों का भी अनुभव होता है।
ये लक्षण कभी-कभी माता-पिता को सामान्य सर्दी और फ्लू से भ्रमित कर सकते हैं। हालांकि, कुछ लक्षण जैसे थकान और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते या आंखों का लाल होना, दस्त और पेट में दर्द, बुखार, ठंड लगना आपके बच्चों की जांच कराने के लिए उपरोक्त संकेत हो सकते हैं।
भारत को कुल 3.01 करोड़ कोविड-19 मामलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें से 2.91 करोड़ बरामद किए गए हैं। ये डेटा पहली और दूसरी दोनों वेव्स का अनुपालन करता है। वहीं, मृत्यु अनुपात 3।93 लाख दर्ज किया गया।साथ ही हर दिन लाखों लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। सभी राज्यों की सरकारें अब तीसरी लहर की तैयारी कर रही हैं। कोविड-19 ने न केवल लोगों की जान ले ली है बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी भारी प्रभाव डाला है।
कोविड ने हमारी जिंदगी की रूपरेखा ही बदलकर रख दी है। हालांकि, अब कोरोना के केसेज में लगातार कमी देखी जा रही है लेकिन इस कोरोना महामारी की वजह से काफी लोगों की नौकरी चली गई और काफी संख्या में लोगों की मौत की भी खबरें सामने आई हैं। अपनों को अपनों से दूर करने में इस कोरोना महामारी का बहुत ही बड़ा हाथ है।
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