उज्जैन (Ujjain)। हिंदू पंचांग (hindu almanac) के अनुसार, साल का पांचवा माह जून काफी खास माना जाता है, जो हिंदू पंचांग (hindu almanac 2024) के अनुसार,ज्येष्ठ और आषाढ़ माह में पड़ता है। इस माह की शुरुआत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के साथ हो रही है, जो आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष नवमी तिथि के साथ होगा। इस दौरान कई बड़े-बड़े व्रत त्योहार इस माह मनाए जा रहे हैं।
हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए भी ये माह काफी खास है, क्योंकि इस माह ईद उल अजहा (बकरीद) का पर्व भी मनाया जा रहा है। वहीं हिंदू धर्म के व्रत त्योहारों की बात करें, तो इस माह अपरा एकादशी, के साथ शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, देव स्नान पूर्णिमा आदि पर्व मनाए जा रहे हैं।
जून 2024 के व्रत त्योहार (June 2024 Fast Festival)
2 जून 2024, रविवार – अपरा एकादशी
4 जून 2024 मंगलवार – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
6 जून 2024, गुरुवार – ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
9 जून 2024, रविवार – महाराणा प्रताप जयंती
10 जून 2024, सोमवार – विनायक चतुर्थी
14 जून 2024, शुक्रवार – धूमावती जयंती
15 जून 2024, शनिवार – मिथुन संक्रांति, महेश नवमी
16 जून 2024, रविवार – गंगा दशहरा
17 जून 2023, सोमवार – गायत्री जयंती, ईद उल अजहा (बकरीद)
18 जून 2024, मंगलवार – निर्जला एकादशी
19 जून 2024, बुधवार – प्रदोष व्रत (शुक्ल)
22 जून 2024, शनिवार – ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, वट पूर्णिमा व्रत, कबीर दास जयंती
23 जून 2024, रविवार – आषाढ़ माह शुरू
25 जून 2024, मंगलवार – कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी, पंचक शुरू
28 जून 2024, शुक्रवार-कालाष्टमी
जून माह में दो एकादशी पड़ रही है, जो अपरा एकादशी और निर्जला एकादशी है। इन दोनों की एकादशी का विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन के हर एक दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और सुख-संपदा की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि काफी खान मानी जाती है, क्योंकि इस दिन शनि जयंती, वट सावित्री तिथि रखा जाएगा। हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का महत्व गया है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती है। इसके साथ ही बरगद के पेड़ की पूजा करने के साथ-साथ सूत का कच्चा धागा बांधती है। इसके अलावा इस दिन शनि जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को भगवान सूर्य और छाया के पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। इसी के कारण इस दिन को शनि जयंती के रूप में मनाते हैं।
बड़ा मंगल 2024
जून में ज्येष्ठ माह के हर एक मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है। इस दिन भगवान हनुमान की विधिवत पूजा करने का विधान है। इस बार 4, 11 और 18 जून को बड़ा मंगल पड़ रहा है।
गंगा दशहरा 2024
हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की जटाओं से पृथ्वी पर मां गंगा का आगमन हुआ था। इसी के कारण इस दिन गंगा स्नान के साथ दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने के साथ गंगा पूजन करने से व्यक्ति को 10 तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
ईद उल अजहा 2024
इस साल 17 जून को ईद उल अजहा यानी बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। बता दें कि बकरीद को साल का आखिरी महीने यानी ज़ु अल-हज्जा या ज़ुल हिज्जा को मनाया जाता है। हज्जा या ज़ुल हिज्जा को मनाया जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved