नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं जो आपको चौंका सकती हैं. वैसे तो दुनिया में कुल 195 देश हैं जिनमें 193 यूएन यानी संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations organisation) के सदस्य देश हैं और दो देश ऑबजर्वर. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में कई ऐसे ‘देश’ भी हैं जो दावा तो देश होने का करते हैं लेकिन उन्हें न तो संयुक्त राष्ट्र से मान्यता है और न ही किसी और देश से. ऐसे स्वघोषित राष्ट्रों को माइक्रोनेशन (micronation) कहा जाता है. इनके पास अपना बॉर्डर है, अपना कानून है, अपनी बैंकिंग व्यवस्था (banking system) है और अपने सैनिक भी हैं लेकिन उन्हें देश के रूप में न तो यूएन मानता है और न ही पड़ोसी देश.
इनमें एक की आबादी तो केवल 30 लोगों की है और उनकी सीमा में 4 कुत्ते भी रहते हैं. यानी कुल 34 जीव. इस देश में तानाशाह (Dictator) का शासन है और अपनी सेना भी, अपनी सीमा भी है और अपना कानून भी. एक इलाका तो ऐसा था जिसपर किसी पड़ोसी देश ने दावा नहीं किया तो अलग देश ही घोषित कर लिया वहां के लोगों ने. एक स्वघोषित देश की आबादी तो ढाई लाख के पार है और दो देशों की जंग के बीच गुमनामी में पड़ा हुआ ये इलाका अब अलग देश बनने की ओर है.
माइक्रोनेशंस में सबसे अनोखी कहानी है रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया की. इस माइक्रोनेशन की सीमा में कुल 34 जीव रहते हैं. इनमें से 30 इंसान और 4 कुत्ते. इसकी सीमा कुल 2.28 एकड़ जमीन से बनी है. ये अमेरिका में नेवादा के पास स्थित है. यहां का तानाशाह केविन बॉघ है. इस शख्स ने अपना खुद का देश बना लिया. वह आधिकारिक प्रशासन को जो टैक्स देता है उसे विदेशी मदद का नाम देता है. नेवादा की डेयटेन वैली में स्थित इस माइक्रोनेशन की अलग करेंसी भी है जिसका नाम valora है. इस सिस्टम को चलाने के लिए Bank of Molossia, चिप वाले सिक्के और प्रिंटेड नोट भी हैं.
इस स्वयंभू देश में कुत्तों को भी नागरिकता मिलती है. तानाशाह केविन बॉग के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं. यह शख्स हमेशा मिलिटरी ड्रेस में रहता है और वर्दी पर कई तरह के मेडल लटकते रहते हैं. दर्जनों सैन्य टाइटल इस शख्स ने खुद को दे रखा है. यह शख्स खुद को आजाद देश का शासक मानता है और वहां घूमने आने वाले सैलानियों का स्वागत खुद बॉर्डर पर करता है.
1990 के दशक में रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया ने ईस्ट जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान भी कर दिया था. 2006 में रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया का युद्ध हो गया था एक और माइक्रेनशन Moustachestan के साथ. जिसमें केविन बॉघ को जीत हासिल हुई और सजा के रूप में Moustachestan के शासक को अगले 6 महीने के लिए हर माह एक valora की पेनाल्टी देनी पड़ी. 2010 में एक और माइक्रोनेशन के साथ इस छोटे से ‘देश’ की जंग हुई थी. रिपब्लिक ऑफ मोलोसिया दो बार अपना राष्ट्रगान बदल चुका है. इसका झंडा ब्लू, सफेद और हरे रंग के तिरंगे डिजाइन में है.
नॉर्थ सी में इंग्लैंड (England) के तट से सटा सीलैंड एक ऐसा ही माइक्रेनेशन है जो दो विशालकाय पिलर्स पर टिका हुआ है. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान यह एक एंटी-एयरक्राफ्ट प्लेटफार्म के रूप में तैयार हुआ था. इंटरनेशनल सी एरिया में होने के कारण ब्रिटिश नेवी ने 1966 में इस जगह को खाली कर दिया तो बाद में एक पूर्व सैनिक और एक पाइरेट द्वारा यहां बसावट कर ली गई और अलग देश ही घोषित ही कर दिया गया. यह इलाका समुद्र तट से 12 किलोमीटर दूर स्थित है और फेरी और नावों के जरिए एक दूसरे से जुड़े कई प्लेटफॉर्म इस स्वयंभू देश का निर्माण करते हैं. आज यहां 27 लोग रहते हैं लेकिन 1970 के आसपास यहां की आबादी एक बार 70 तक पहुंच गई थी. यह रियासत केवल दो टेनिस कोर्ट के बराबर आकार की होगी.
ऐसा ही एक अनोखा माइक्रोनेशन है Liberland. यह क्रोएशिया और सर्बिया के बीच में डैन्यूब नदी के किनारे स्थित है. दो देशों की लड़ाई में एक नो मैंस लैंड बना और यहां एक शख्स ने अपना माइक्रोनेशन ही बसा लिया. यहां के नेता हैं विट जेडलिका, जिन्होंने 13 अप्रैल 2015 को इसे स्वतंत्र देश घोषित कर दिया. यहां की आबादी अब ढाई लाख के आसपास है. यहां के लोगों पर अलग टैक्स, प्रॉपर्टी के कानून और नागरिक अधिकार लागू होते हैं.
Republica Glaciar की कहानी भी कम रोचक नहीं है. चिली और अर्जेंटीना के बीच स्थित एक इलाके को खाली देखकर ग्रीनपीस के एक्टिविस्ट्स ने 2014 में इसे अलग देश ही घोषित कर दिया. इन एक्टिविस्ट्स का कहना है कि दो देशों के बीच में स्थित होने और कानूनी लूपहोल होने के कारण यहां किसी का दावा नहीं बनता इसलिए इसे आजाद देश होने का पूरा हक है. यहां की आबादी एक लाख है. यहां का अपना पासपोर्ट भी है.
ऐसी ही कुछ कहानी है लिथुआनिया की राजधानी विलिनियस के पास स्थित 7000 की आबादी वाले इलाके की जो अब Republic of Užupis के नाम से जाना जाता है. 1997 में April Fools Day के दिन यहां के लोगों ने मजाक-मजाक में अलग देश का ऐलान किया. आज यहां का अपना पॉलिटिकल सिस्टम है, अलग करेंसी है, अलग संविधान है और 12 सैनिकों की अपनी सेना भी है.
Principality of Pontinha की आबादी सिर्फ तीन लोगों की है. पुर्तगाल में समंदर तट के पास स्थित एक खाली पड़े रॉक टॉप पर एक स्कूल टीचर ने इस इलाके को बसाया और अलग देश के रूप में ऐलान कर दिया. इसके मालिक ने खुद को प्रिंस घोषित कर दिया और पुर्तगाल पर उसके देश को धमकी देने का आरोप भी लगाया.
Empire of Atlantium भी एक ऐसा ही इलाका है जिसकी स्थापना 1981 में जॉर्ज ग्रुइकशैंक ने की थी. उसने खुद को इमपीरियल मैजेस्टी जॉर्ज-2 घोषित किया और अपने साम्राज्य का ऐलान कर दिया. यह ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी से 220 मील पश्चिम में स्थित टापू पर है और इसकी आबादी 3000 लोगों की है.
इटली के पास स्थित Principality of Seborga की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. समय के साथ इस इलाके को आसपास का हर देश भूल गया और इसी का फायदा उठाते हुए स्थानीय निवासी Giorgio Carbone ने 1960 के दशक में इसे स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया. इसकी आबादी 320 लोगों की है. यह इलाका मोनैको के ठीक सामने स्थित है.
फ्रीटाउन क्रिस्टिआनिया
1971 में डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में सेना के छोड़े हुए इलाके क्रिस्टिआनिया में कलाकारों, आदर्शवादियों और हिप्पियों ने आकर बसना शुरू कर दिया. यहां रहने वालों ने इसे आजाद घोषित कर दिया. यहां रहने वाले आजाद ख्याल जिंदगी पसंद करते हैं और किसी कानून को नहीं मानते. इन्होंने अपना खुद का कानून घोषित कर रखा है और डेनमार्क के प्रशासन के साथ यह लंबे समय से चला आ रहा विवाद बना हुआ है खासकर ड्रग्स के इस्तेमाल और इनके कानून को लेकर.
फोर्विक राज्य
स्कॉटलैंड के पास ढाई एकड़ इलाके में फैले इस इलाके का अपना ही टशन है. स्टुअर्ट हिल ने शिटलैंड में इस छोटे से द्वीप को आजाद घोषित किया था. इनकी अपनी करेंसी और संसद भी बन चुकी है. इस माइक्रोनेशन ने अपने अलग नियम तय कर रखे हैं. सालाना 23 यूरो देकर आप भी यहां की मेंबरशिप ले सकते हैं. मेंबर को एक पासपोर्ट और फोर्विक के मुनाफे में शेयर मिल सकता है.
इन माइक्रेनेशंस को आप कानूनी लूपहोल का फायदा उठाना कहें या दो देशों की सीमाओं या समंदर की सीमाओं को लेकर वर्तमान कानून के पेच का लाभ उठाना लेकिन इन कुछ लोगों ने अपना अलग साम्राज्य तो खड़ा कर ही लिया है. इन माइक्रोनेशंस में अच्छे खासे लोग भी रह रहे हैं और इनकी अपनी खासियतें भी हैं. लेकिन प्रकृति की खूबसूरती के बीच बसे ये इलाके टूरिस्ट्स के लिए खासा आकर्षक हो सकते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved