• img-fluid

    मध्यप्रदेश के ये हैं प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर, धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी

  • August 25, 2024

    भोपाल: 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व (Festival of Janmashtami) पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के प्रमुख कृष्ण मंदिरों में खास आयोजन होंगे. उज्जैन (Ujjain) के गोपाल मंदिर, इंदौर के गोपाल मंदिर और जबलपुर के राधा कृष्ण मंदिर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध हैं. इस बार जन्माष्टमी 26 अगस्त को है. गौरतलब है कि इस दिन पूरा संसार श्री कृष्ण की भक्ति में डूब जाता है.

    बता दें कि जन्माष्टमी के अवसर पर मध्य प्रदेश के प्रमुख कृष्ण मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे. बता दें कि मध्य प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर में कई प्रसिद्ध मंदिरों का योगदान है, जो देशभर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. चलिए आपको कुछ प्रमुख कृष्ण मंदिरों के बारे में बताते हैं.

    जबलपुर के संस्कारधानी क्षेत्र में स्थित राधा कृष्ण मंदिर प्राचीन धार्मिक महत्व का स्थल है. इस मंदिर की छत ठेठ लकड़ी की गाटर पर आधारित है और इसकी निर्माण शैली में गोंड काल की झलक मिलती है. मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण की मूर्ति 500 साल पुरानी है और इसे देखने के लिए देश-विदेश से भक्त आते हैं. यह मंदिर कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष रूप से सजाया जाता है और यहां भक्तों की संख्या अधिक होती है.


    उज्जैन में स्थित इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशसनेस) मंदिर भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है. उज्जैन, जिसे हिंदू तीर्थस्थल माना जाता है, यहां भगवान कृष्ण और उनके भाई बलराम ने गुरु सांदीपनि आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी. मंदिर के पास नानाखेड़ा बस स्टैंड के निकट स्थित है और यहां भगवान कृष्ण की पूजा के लिए विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

    गुना के 10 किलोमीटर दूर, खेजरा में स्थित सिंह पोर्ट श्री हनुमान जी महाराज वृंदावन धाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यहां शाम के समय भक्तों की भीड़ उमड़ती है और चारों ओर के रंगीन लाइट्स इस स्थान की सुंदरता को बढ़ाते हैं. यह स्थान मथुरा-वृंदावन की तर्ज पर निर्मित है, जहां भगवान कृष्ण और राधा-कृष्ण की मूर्तियों के साथ गोवर्धन महाराज का भी मंदिर है. यहां विशेष रूप से एकादशी और पूर्णिमा के दिनों में भक्तों की भीड़ रहती है.

    इंदौर के राजवाड़ा क्षेत्र में स्थित गोपल मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यह इंदौर के प्रमुख मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में भगवान कृष्ण की बाल रूप की मूर्ति के साथ-साथ राधा की मूर्ति भी पूजा जाती है. यह मंदिर प्रसिद्ध होलकर परिवार द्वारा बनवाया गया था, जो कला और वास्तुकला के प्रति अपनी रुचि के लिए जाना जाता है. मंदिर की वास्तुकला में मालवा और मराठा शैली का मिश्रण दिखाई देता है, जिसमें काले पत्थरों से निर्मित सजावटी पैनल और सोने से प्लेटेड स्तंभ शामिल हैं.

    गोपल मंदिर, जिसे द्वारकाधीश मंदिर भी कहा जाता है, उज्जैन का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है. यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और 19वीं सदी में मराठा राजा दौलत राव सिंधिया की पत्नी, बयाजी बाई सिंधिया द्वारा बनवाया गया था. यह मंदिर उज्जैन शहर के मुख्य बाजार में स्थित है और मराठा शैली में निर्मित है. मंदिर में भगवान कृष्ण की दो फीट ऊंची चांदी की मढ़ी हुई संगमरमर की मूर्ति स्थापित है. इसके अलावा, यहां भगवान शिव, माता पार्वती और गरुड़ की मूर्तियां भी हैं. यहां जनमाष्टमी और हरिहर पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं. कहा जाता है कि महमूद गजनवी द्वारा मंदिर के दरवाजे चुराए गए थे, जिन्हें बाद में महादजी सिंधिया द्वारा बहाल किया गया.

    Share:

    छतरपुर पथराव मामले में कांग्रेस नेता हाजी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी

    Sun Aug 25 , 2024
    छतरपुर: छतरपुर सिटी कोतवाली (Chhattarpur City Police Station) पर पत्थर से हमले के मामले में कांग्रेस नेता हाजी शहजाद अली (Haji Shahzad Ali) के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है.एडिशनल एसपी विक्रम सिंह परिहार ने इसकी पुष्टि की है. बता दें कि मामले में आरोपी शहजाद अली के आलीशान घर पर बुलडोजर कार्रवाई की […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved