नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष शास्त्र (Vedic astrology) के अनुसार सभी ग्रहों में शनि के राशि परिवर्तन का विशेष महत्व होता है। शनि (saturn) सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। इस कारण से इनका शुभ-अशुभ प्रभाव (good and bad effects) जातकों के ऊपर बहुत समय तक रहता है। शनि एक से दूसरी राशि में परिवर्तन करने के लिए लगभग ढाई वर्षो का समय लेते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या बहुत ही मारक होती है इसलिए लोग हमेशा साढ़ेसाती से भय में रहते हैं। जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है तो किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और किसी पर ढैय्या शुरू होती है। इसके अलावा कुछ राशियां इससे मुक्ति हो जाती हैं। आपको बता दें कि शनि अभी मकर राशि में हैं और अगले साल यानी 2023 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
साल 2023 में कुंभ राशि में होंगे शनिदेव
शनिदेव अभी बीते 12 जुलाई 2022 से मकर राशि में वक्री यानी उल्टी चाल (reverse movement) से चल रहे हैं। आपको बता दें कुछ ग्रह राशि परिवर्तन करने के साथ-साथ वक्री और मार्गी होते रहते हैं। ऐसे में शनि दिवाली (Diwali) से पहले 23 अक्तूबर को मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे। शनि मकर राशि में 17 जनवरी 2023 तक मार्गी अवस्था में रहेंगे। फिर इसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। साल 2023 में शनि के अपनी ही स्वराशि यानी कुंभ में प्रवेश करने से कुछ राशियों से साढ़ेसाती और ढैय्या (half-and-half) खत्म हो जाएगी,वहीं कुछ राशियों पर शनि का प्रभाव बढ़ जाएगा।
साल 2023 में इन राशि वालों के ऊपर रहेगी साढ़ेसाती और ढैय्या
जब अगले साल शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब इसके कारण मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। इस तरह से साल 2023 में कुंभ,मकर और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। वहीं अगर शनि की ढैय्या की बात करें तो साल 2023 में कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। ऐसे में इन राशि के जातकों के जीवन में तरह-तरह के कष्ट देखने को मिलेंगे।
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