आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का जन्म उत्सव, भक्त जन्माष्टमी के रूप में हर वर्ष पर्व की तरह मनाते हैं। देश ही नहीं विदेशों में भी इस दिन का महत्व विशेष होता है, जहां भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के भक्त भव्य झांकियां निकालते हैं और उनकी आराधना करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव हर वर्ष भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की अष्टमी तिथि को मनाए जाने का विधान है। इस दिन भक्त व्रत करते हुए, रातभर भगवान की आराधना करेंगे और फिर पारण मुहूर्त के अनुसार, भगवान को भोग लगाते हुए अपना व्रत खोलने की परंपरा निभाएंगे। भारत में कई कृष्ण मंदिर हैं।
भगवान कृष्ण हिंदूओं के सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में से एक हैं। यूं तो भगवान श्रीकृष्ण के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों का नाम सुनते ही मथुरा-वृंदावन का नाम ज़हन में आ जाता है, लेकिन ऐसे कई अन्य प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं जिनकी लोकप्रियता के बारे में हम नहीं जानते। आइए जानते हैं हमारे देश की क्षेत्रीय विविधताओं ने भगवान श्रीकृष्ण के कितने रूपों को जन्म दिया है।
द्वारकाधीश मंदिर(Dwarkadhish Temple)
मथुरा में स्थित द्वारकाधीश मंदिर (Dwarkadhish Temple) को देश का सबसे बड़ा और पुराना भगवान कृष्ण का मंदिर कहा जा सकता है। इस मंदिर की खूबसूरती देखनी हो तो जन्माष्टमी के समय यहां पहुंचें। इस समय पूरा मंदिर उत्सव के रंग में रंगा होता है। मथुरा में यमुना नदी पर कई घाट भी बने हुए हैं। द्वारकाधीश मंदिर के पास यमुना नदी के घाट पर श्रद्धालु दर्शन-पूजन करते हैं और नौका-विहार का भी आनंद लेते हैं। गुजरात में स्थित द्वारकाधीश मंदिर भी खास लोकप्रिय है।
इस्कॉन मंदिर
दुनियाभर में कई इस्कॉन मंदिर मौजूद हैं, लेकिन इनमें दिल्ली का इस्कॉन मंदिर (iskcon temple) सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय है। दिल्ली के ईस्ट कैलाश में हरे कृष्ण हिल पर स्थित इस मंदिर की वास्तुशिल्प का डिजाइन काफी मशहूर है। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के अलावा श्री श्री राधा पार्थसारथी, सीता, राम, लक्ष्मण, हनुमान और श्री श्री गौर निताई की मूर्तियां विराजमान हैं। इस मंदिर में मौजूद वैदिक संग्रहालय, कालातीत वैदिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न शो और प्रदर्शनियों का आयोजन करता है। मंदिर में शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां मौजूद है यहां आप स्वादिष्ट भोजन का स्वाद ले सकते हैं। यह मंदिर पूरे हफ्ते खुला रहता है। हालांकि वृंदावन (Vrindavan) के इस्कॉन मंदिर का भी अपना महत्व है। इसे कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
श्री रंछोद्रीजी महाराज मंदिर(Shri Ranchhodriji Maharaj Temple)
यह मंदिर गुजरात (Gujarat) में स्थित है। गोमती नदी के किनारे बने इस मंदिर की संरचना 1772 में मराठा नोबेल द्वारा की गई थी। मंदिर में सोने के बने कुल 8 गुंबद और 24 बुर्ज हैं। इसके साथ ही लक्ष्मी का मंदिर भी बना है। माना जाता है कि हर शुक्रवार के दिन श्रीकृष्ण भगवान लक्ष्मी के मंदिर में जाकर उनसे मिलते हैं।
श्रीनाथ जी मंदिर(Shrinath Ji Temple)
श्रीनाथ जी मंदिर राजस्थान (Rajasthan) के नाथद्वारा में स्थित है। यह मंदिर अपनी मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को गोवर्धन की पहाड़ियों से औरंगजेब से बचाकर लाए थे। इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था।
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