नई दिल्ली (New Delhi)। हरियाणा (Haryana) के नूंह (Nuh Voilence) में हुई हिंसा के पीछे पुलिस की नाकामी सबसे बड़ी वजह (Police failure biggest reason) के रूप में सामने आ रही है। हिंसा के बाद नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोहना में हर तरफ दहशत का माहौल है। सोमवार दोपहर एक बजे से देर शाम तक झड़पें होती रहीं और पुलिस हालात पर नियंत्रण नहीं कर पाई। एक दिन पहले सोशल मीडिया (social media) पर मोनू मानेसर (Monu Manesar) की तरफ से जारी एक वीडियो से लोगों में भारी आक्रोश था।
बहरहाल, विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की तरफ से निकाली गई बृजमंडल यात्रा के दौरान हुए बवाल से जिले में दहशत का माहौल है। जिला स्थित अधिकांश बाजार बंद कर दिए गए हैं। अधिकांश लोग घर में हैं। बताया जा रहा है कि नल्हड़ और शहर के बाकी हिस्सों में देर शाम तक रुक-रुक कर झड़पें होती रहीं। पलवल के एसपी को शांति-व्यवस्था को कायम करने की कमान सौंपी गई है। बता दें कि एक दिन पहले ही गो रक्षक मोनू मानेसर ने इस यात्रा में अपनी टीम के साथ शामिल होने की जानकारी देते हुए वीडियो जारी किया था। इसमें उसने सभी को यात्रा में आने की अपील की थी।
यात्रा में मोनू मानेसर शामिल नहीं हुआ:
बताया जा रहा है कि वीडियो को देखकर राजस्थान के भरतपुर की पुलिस टीम मोनू को पकड़ने के लिए नूंह पहुंची थी, लेकिन मोनू मानेसर यात्रा में नहीं पहुंचा। मोनू पर राजस्थान में भरतपुर के रहने वाले दो युवकों नासिर और जुनैद की हत्या का आरोप है। दोनों को हरियाणा के भिवानी में उनकी गाड़ी के अंदर जिंदा जला दिया गया था।
श्रीकांत के घर की बढ़ी सुरक्षा:
बवाल के बाद से जुनैद-नासिर हत्या के आरेापी श्रीकांत के घर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
जिलों में अलर्ट:
नूंह में दंगे होने के बाद गुरुग्राम और फरीदाबाद की पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिस सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वालों पर नजर रखी जा रही है। अपराध जांच शाखा और थाना पुलिस को अलर्ट कर दिया है।
पुलिस की पांच नाकामियां
1. नूंह के एसपी वरुण सिंगला छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में एएसपी ऊषा कुंडू जिले की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रही हैं। नूंह में बीते कुछ दिनों से पनप रहे उन्माद की भनक उनको नहीं लगी।
2. अप्रैल में जिले के 14 गांवों में एक साथ 70 से अधिक साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी। इससे पुलिस को लगता था कि इससे उसे लगता था कि उसका खुफिया तंत्र बहुत मजबूत है, लेकिन इस बार वह काम नहीं आया।
3. सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर का वीडियो वायरल हो रहा था। बृजमंडल यात्रा में नूंह के लोगों को भी बुलाया जा रहा था। बावजूद इसके साइबर टीम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
4. पुलिस को पता था कि मोनू मानेसर के यात्रा में शामिल होने से माहौल बिगड़ सकता है। वह नासिर-जुनैद हत्या मामले में मुख्य आरोपी है। इसके बावजूद पुलिस द्वारा पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया गया था।
5. नूंह हिंसा के बाद पुलिस की सीआईडी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की कमजोरी भी सामने आई है। ये पथराव करने वालों और उपद्रवियों की पहचान नहीं कर सके और माहौल बिगड़ गया।
– मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा ने कहा, ”आज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं सभी लोगों से प्रदेश में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। दोषी लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
– अनिल विज, गृहमंत्री, हरियाणा ने कहा, ”नूंह में शांति बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं। सभी लोग धैर्य और शांति बनाए रखें। इस घटना में जहां-जहां लोग फंसे हुए हैं, सभी को सुरक्षित निकाला जा रहा है।”
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved