नई दिल्ली। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपके लिए सैलरी स्लिप काफी अहम है। जिस कंपनी में भी नौकरी कर रहे हैं, वहां से सैलरी के साथ हर महीने बनने वाली सैलरी स्लिप को भी लेना न भूलें। सैलरी स्लिप सिर्फ एक दस्तावेज भर नहीं है, इसके कई बड़े फायदे भी हैं।
पहला फायदा: सैलरी स्लिप के जरिए आप अपने वेतन का हिसाब रख सकते हैं। आप ये जान सकते हैं कि आपकी बेसिक सैलरी कितनी है और आपका पीएफ कंट्रीब्युशन कितना होता है। इसके अलावा हाउस रेंट अलाउंस, यात्रा भत्ता समेत अन्य जानकारियां भी सैलरी स्लिप में होती हैं। अगर किसी महीने आपकी सैलरी कम आती है तो इस स्लिप को देखकर आप पता लगा सकते हैं कि कितने दिन का वेतन कटा है।
दूसरा फायदा: अगर आप नौकरी बदलने का मूड बना रहे हैं तो सैलरी स्लिप की बड़ी भूमिका होती है। दरअसल, नई कंपनी में आपसे तीन महीने तक की सैलरी स्लिप मांगी जा सकती है। इस स्लिप के जरिए नई कंपनी आपकी सैलरी का हिसाब-किताब समझती है।
तीसरा फायदा : पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में भी सैलरी स्लिप की भूमिका होती है। मूल तौर पर सैलरी स्लिप देखकर ये समझा जाता है कि शख्स लोन चुकाने में सक्षम है या नहीं।
चौथा फायदा: सैलरी स्लिप से आप अपनी कंपनी की डिटेल भी जान सकते हैं। ये जानकारी मिलती है कि जिस कंपनी में आप काम कर रहे हैं वो किस नाम से रजिस्टर्ड है। इसके साथ ही सैलरी स्लिप एक लीगल सबूत के तौर पर भी होता है। ये स्लिप बताता है कि आप किसी कंपनी में कार्यरत हैं।
पांचवां फायदा: टैक्स कटौती की भी जानकारी सैलरी स्लिप से मिल जाती है। यह आसानी से पता लगाया जा सकता है सैलरी का कितना हिस्सा टैक्स योग्य है और कितना टैक्स फ्री। आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं तब भी सैलरी स्लिप की जरूर पड़ जाती है।
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