नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के 40 से ज्यादा विधायकों पर होम लोन का कर्ज है, जो अभी तक जमा नहीं किया गया है. लोन लेने वाले नेताओं में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की मुखिया महबूबा मुफ्ती, पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता निर्मल सिंह का नाम भी शामिल है. यह लोन केंद्रशासित प्रदेश में पीडीपी-बीजेपी सरकार के समय लिया गया था. इनमें से कई नेता उस वक्त की गठबंधन सरकार में मंत्री और विधायक थे. एक आरटीआई के हवाले से यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया कि बीजेपी और पीडीपी के अलावा, कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के नेताओं का नाम भी कर्जदारों की लिस्ट में शामिल है.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 12वीं जम्मू-कश्मीर विधानसभा और विधान परिषद के 110 सदस्यों में से 49 ने लोन लिया था, जिनमें से सिर्फ दो नेता ही ऐसे हैं, जिन्होंने अपना लोन चुकता कर दिया है. विधानसभा सचिवालय के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी (CPIO) काजी मुश्ताक अहमद के जवाब में कहा गया कि 12वीं जम्मू-कश्मीर विधानसभा और विधान परिषद के 110 सदस्यों में से 49 ने लोन लिया था लेकिन सिर्फ दो ने ही अपना कर्जा चुकाया है. मतलब 47 नेता अभी भी कर्जदार हैं. अधिवक्ता शेख शकील अहमद की एक आरटीआई क्वेरी पर सीपीआईओ के जवाब में कहा गया कि महबूबा ने 5 लाख रुपये और निर्मल सिंह ने 20 लाख रुपये का लोन लिया था.
सीपीआईओ ने खुलासा किया है कि अभी भी 40 से ज्यादा नेताओं पर 5.7 करोड़ राशि बकाया है. पीडीपी ने एक्स पर एक आधिकारिक पत्र की कॉपी पोस्ट करके बताया कि महबूबा मुफ्ती अपना पूरा लोन सूत समेत भर चुकी हैं. पीडीपी ने 20 दिसंबर, 2018 के एक सरकारी आदेश की तस्वीर पोस्ट की, जिसमें कहा गया है महबूबा ने कर्ज लौटा दिया है. पार्टी ने ट्वीट में कहा, ‘पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ब्याज सहित सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया है.’
विधायकों और एमएलसी के लिए लोन विकल्प को आधिकारिक तौर पर घर बनाने के लिए भत्ता कहा जाता है, जो 4 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है. दशकों से विधायकों और एमएलसी के लिए यह सुविधा है. विधायकों को पांच साल में 60 किस्तों में यह लोन चुकाना होता है. यह योजना विधायकों को घर बनाने के लिए 5 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक का लोन देने की सुविधा देती है.
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