डेस्क। कई बार लोग जाने अंजाने ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसका उन्हें बाद में भारी नुकसान उठाना पड़ता है और बाद में पछतावे के अलावा कुछ शेष नहीं रह जाता. जीवन में ऐसी गलती से बचने के लिए हमें चाणक्य नीति पढ़ने की जरूरत है. आचार्य चाणक्य एक कुशल रणनीतिकार, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री ही नहीं थे, करीब करीब हर विषय के ज्ञाता थे. उन्होंने अपने जीवन में बहुत कठिन समय देखा और उन परिस्थितियों का बारीकी से अध्ययन किया और अपनी कुशाग्र बुद्धि को वे विपरीत परिस्थतियों में भी हर दिन निखारते रहे.
आचार्य का मानना था कि व्यक्ति को हर परिस्थिति से सीखना चाहिए. अपने तजुर्बे और ज्ञान के सहारे वे जीवनभर लोगों की मदद करते रहे. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति नामक एक ग्रंथ लिखा था जिसमें ऐसी कई नीतियां बताई गई हैं जो व्यक्ति को बुरे समय से बचाने में मददगार हैं. आचार्य की नीतियों का अनुसरण करके व्यक्ति कई परेशानियों को आने से पहले ही रोक सकता है और हर परिस्थिति का मजबूत होकर सामना कर सकता है. आचार्य ने चाणक्य नीति में चार चीजों का कभी किसी से जिक्र न करने की हिदायत दी है. जानिए उन चार चीजों के बारे में.
धन की बातें : कोई चाहे आपका कितना ही करीबी क्यों न हो, किसी से कभी भी अपने धन के विषय में चर्चा नहीं करनी चाहिए. अगर आर्थिक हानि भी हो रही हो, तो भी किसी से कभी अपनी माली हालत का बखान नहीं करना चाहिए वर्ना लोग आपकी स्थितियों का फायदा उठाएंगे.
दुख की बातें : ये कहा जाता है कि दुख बांटने से कम होता है, लेकिन आपको हर किसी से अपना दुख नहीं कहना चाहिए क्योंकि ज्यादातर लोग आपके साथ सहानुभूति प्रकट करने का ढोंग करते हैं. पीछे वो सिर्फ आपका मजाक उड़ाते हैं.
पत्नी के विषय में : आपकी पत्नी अच्छी हो या बुरी, उसके विषय में कभी किसी शख्स से चर्चा नहीं करनी चाहिए. वर्ना इसके आपको भयानक परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं.
अपमान की बातें : यदि किसी व्यक्ति ने आपका अपमान किया हो तो उसका जिक्र कभी किसी के सामने न करें. ऐसा करने से समाज में आपकी प्रतिष्ठा में कमी आती है और आपका सामाजिक कद छोटा होता है.
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