नई दिल्ली: महिंद्रा एंड महिंद्रा भारत में 5 सबसे बड़े कार निर्माताओं में से एक है. अपनी हार्डकोर एसयूवी के लिए जानी जाने वाली महिंद्रा ने हाल ही में नए डिजाइन और तकनीक के साथ नए मॉडल के साथ अपने लाइनअप में बदलाव किया है. कार निर्माता ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी XUV400 भी लॉन्च की है. इस इलेक्ट्रिक एसयूवी की दम पर महिंद्रा भारत में अपने सबसे बड़े कॉम्पीटीटर टाटा मोटर्स को टक्कर देना चाहती है, जो वर्तमान में देश की सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक कार बेचने वाली कंपनी है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अब हल ही में अपने तीसरे तिमाही के नतीजे जारी किए हैं. इसमें कंपनी ने बताया कि दूसरी तिमाही के मुकाबले बीती तिमाही में उसका मुनाफा 15 प्रतिशत बढ़ गया है. कार निर्माता की नई पीढ़ी की एसयूवी, जिसमें एक्सयूवी700, स्कॉर्पियो-एन और थार जैसे प्रमुख मॉडलों ने ही इस मुनाफे में सबसे बड़ा योगदान दिया है. हालांकि, सेमीकंडक्टर चिप की कमी के कारण कुछ मॉडलों का वेटिंग पीरियड कई महीनों तक पहुंच गया है.
इन कारों पर चल रही सबसे ज्यादा वेटिंग
महिंद्रा SUVs की वर्तमान में भारत में बेचे जाने वाले सभी प्रकार के मॉडलों में सबसे लंबी वेटिंग है. थार एसयूवी के हाल ही में लॉन्च किए गए रियर व्हील ड्राइव वर्जन के लिए कुछ शहरों में 18 महीने तक की वेटिंग बताई गई है. स्कॉर्पियो-एन जैसे लोकप्रिय मॉडलों की प्रतीक्षा अवधि 65 सप्ताह तक है, एक्सयूवी700 के लिए सबसे लंबी प्रतीक्षा अवधि लगभग 45 सप्ताह तक कम हो गई है. कुल मिलाकर, महिंद्रा को अभी दो लाख से अधिक इकाइयों की डिलीवरी करनी है. 1 फरवरी तक, कार निर्माता के पास 2.66 लाख SUV का ऑर्डर बकाया है. महिंद्रा का कहना है कि प्रतीक्षा अवधि केवल उसकी कारों की मांग को दिखाती है.
इस समस्या से जूझ रही कंपनी
महिंद्रा एंड महिंद्रा में ऑटो एंड फार्म सेक्टर के कार्यकारी निदेशक राजेश जेजुरिकर ने कहा कि सेमीकंडक्टर की समी से कंपनी का उत्पादन और बिक्री प्रभावित हो रही है. जेजुरिकर ने कहा, “अभी हमारे पास एयरबैग और सेंसर की उपलब्धता को लेकर एक समस्या है, जो स्कॉर्पियो और एक्सयूवी 700 जैसे कुछ वाहनों का उत्पादन करने की हमारी क्षमता को प्रभावित कर रहा है.” पिछले एक साल में महिंद्रा को भी इनपुट लागत में वृद्धि के कारण अपने मॉडलों की कीमतों में वृद्धि करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
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