हर व्यक्ति के जीवन में रत्न विशेष प्रभाव डालते हैं। इंसान के शरीर में सभी ग्रहों (all planets) की मौजूदगी होती है। सभी नौ ग्रहों के लिए रत्न अलग अलग होते हैं, जिसे पहनने से ग्रह दोष खत्म हो जाता है। रत्न धारण (wearing gems) करने से बिगड़े काम बन जाते हैं। जब शरीर (body) के ग्रहों का संबंध नक्षत्र के ग्रहों से टूट जाता है तो शरीर और मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शरीर और मन की समस्या को दूर करने में रत्न सहायक होते हैं। ज्योतिष में ये दो रत्न सबसे अधिक शक्तिशाली (more powerful) होते हैं l लेकिन कई बार ये रत्न लाभ देने के साथ साथ नुकशान भी पहुंचाते हैं इसलिए इन रत्नों को एक साथ नहीं पहनना चाहिए।
हीरा (Diamond)
यह सभी रत्नों में हीरा अत्यधिक कठोर (too hard) और कीमती होता है। वैसे तो लोग इसे खूबसूरती के लिए पहनते हैं। लेकिन ज्योतिष (Astrology) में इसे शुक्र ग्रह का रत्न माना गया है। इसे पहनने से सुन्दरता, सुख और ऐश्वर्य (beauty, happiness, opulence) में वृद्धि होती है। इस रत्न का प्रभाव शादीशुदा जिंदगी (married life) पर भी पड़ता है। हीरे को ज्योतिषी की सलाह के बिना पहनना नहीं चाहिए। इसे 21 से 50 साल तक की उम्र बाले लोगो के लिए अच्छा होता है। शुक्र ग्रह (planet venus) का लाभ लेने और लाइफ में ग्लैमर बढ़ाने के लिए भी हीरा बहुत अच्छा रत्न माना गया है।
नीलम (sapphire)
नीलम शनि का रत्न है। यह देखने में नीला होता है इसलिए इसका नाम नीलम पड़ा है। शनि के अशुभ प्रभाव को खत्म करने और शनिदेव की कृपा (Lord Shani’s grace) पाने के लिए इस रत्न को पहना जाता है। इसे धारण करने में सावधानी रखनी चाहिए। बिना सलाह के नीलम पहनने से जीवन तबाह हो सकता है। नीलम को चांदी या लोहे की धातु में बनवाकर पहनना चाहिए। इसे सोने में धारण करने से अच्छा प्रभाव नहीं होता।
नीलम को शनिवार की मिड नाइट में पहनना ज्यादा अच्छा होता है। इसके अलावा चौकोर नीलम धारण (wearing sapphire) करना शुभ माना गया है। ज्योतिष्यो के मुताबिक हीरा और नीलम कभी भी एक साथ धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन दोनों रत्नों को सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना गया है। इन्हे साथ पहनने से अशुभ परिणाम (bad result) भी प्राप्त हो सकते है।
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