भोपाल। मंत्रालय के अधिकारी हों या कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक, जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों का अपमान करना इन्हें भारी पड़ेगा। अब इनके विरुद्ध विधायकों द्वारा की जाने वाली शिकायतों की सुनवाई के लिए अलग से प्रोटोकाल समिति होगी। इसका काम दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय करना होगा। अभी तक यह काम विधानसभा की विशेषाधिकार समिति देखा करती थी लेकिन अब प्रोटोकाल और विधायी कार्य को अलग-अलग कर दिया है। प्रोटोकाल समिति के लिए सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष से सदस्य मनोनीत करने के लिए नाम मांगे गए हैं।
सात सदस्यीय रहेगी समिति
समिति सात सदस्यीय रहेगी। इसमें सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों को मनोनीत किया जाएगा। विधायक समिति या विधानसभा अध्यक्ष को लिखित में शिकायत देंगे। सचिवालय के अधिकारी परीक्षण करने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग से जवाब तलब करेगा। इसे समिति को भेजा जाएगा। समिति यदि संतुष्ट नहीं होती है तो संबंधित अधिकारी को बुलाकर उसका पक्ष लेगी और फिर अपना प्रतिवेदन अध्यक्ष को देगी। अध्यक्ष गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेंगे। समिति का प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा जाएगा।
ऐसी होती हैं शिकायत
कांग्रेस विधायक रवि जोशी को सड़कों के भूमिपूजन कार्यक्रम की जानकारी सबसे अंत में औपचारिकता निभाने के लिए दी गई। इतना समय भी नहीं था कि वे कार्यक्रम में शामिल हो सकें। डिंडोरी से विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल के कार्यक्रम में मंच पर जगह न दिए जाने को लेकर शिकायत की तो भाजपा के राजेश प्रजापति ने छतरपुर कलेक्टर द्वारा उपेक्षा किए जाने की शिकायत की।
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