नई दिल्ली (New Delhi)। संसद में सोमवार को भी हंगामा (Uproar in Parliament) होने के आसार हैं। अडानी मुद्दे (Adani issue) पर सरकार (surround the government) को घेरने के लिए कांग्रेस (Congress) ने विपक्षी दलों के नेताओं (opposition parties leaders) की बैठक बुलाई है। विपक्ष सरकार पर अडानी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति का गठन करने की मांग कर रहा है। इस बीच, कांग्रेस ने सरकार से तीन सवाल पूछने की श्रृंखला शुरू की है।
दूसरी तरफ इस मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण पिछले दो दिनों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई है। सरकार की कोशिश सोमवार को फिर से चर्चा शुरू कराने की होगी। लेकिन, चर्चा होगी या नहीं यह विपक्ष के रुख पर निर्भर रहेगा। कांग्रेस सोमवार को देशभर में एसबीआई और एलआईसी के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन भी करेगी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर कहा कि आडानी समूह पर लगे आरोपों के बीच सरकार ने रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है। इससे किसी सांठ-गांठ का इशारा मिल रहा है। इसलिए पार्टी इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार से प्रतिदिन तीन सवाल पूछेगी। इसकी शुरुआत पार्टी ने रविवार से कर दी है।
जयराम रमेश ने पहला सवाल गौतम अडानी (Gautam Adani) के भाई विनोद अडानी के बारे में पूछा है। उन्होंने कहा कि विनोद का नाम पनामा पेपर्स में ऑफशोर कंपनियों को संचालित करने वाले व्यक्ति रुप में सामने आया था। दूसरा सवाल उन्होंने पूछा कि गौतम अडानी पर ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स की ओर से क्या कार्रवाई की गई है। तीसरा सवाल करते हुए उन्होंने पूछा है कि देश का सबसे बड़ा बिजनेस घरानों में से एक लगातार आरोपों के घेरे में होने के बावजूद इतने लंबे समय से गंभीर जांच से बचता चला आ रहा है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्ष सोमवार को भी एकजुट होकर संसद के दोनों सदनों में अडानी मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग करेगा। इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से भाग रही है। जबकि पार्टी इस पर हंगामा नहीं चर्चा चाहती है। इसी प्रकार बीआरएस, आप समेत कई विपक्षी दल इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाए हुए हैं।
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