उज्जैन। आगामी नए साल 2025 में ग्रहण की चार महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं होगी। इनमें दो पूर्ण चंद्रग्रहण और दो आंशिक सूर्यग्रहण लगेंगे। इनमें से तीन ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। केवल तीसरा ग्रहण ही भारत में देखा जा सकेगा। नए साल का पहला ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। जो 14 मार्च 2025 को लगेगा।
दूसरा ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण
नए साल का दूसरा ग्रहण वर्ष का आंशिक सूर्यग्रहण होगा। यह ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण का प्रारम्भ दोपहर 2 बजकर 20 मिनट और 8 सैकंड पर होगा। मध्य की स्थिति दोपहर 4 बजकर 17 मिनट और 4 सैकेंड पर होगी। इस समय सूर्य का 93.7 प्रतिशत भाग ढंका होगा। मोक्ष की स्थिति सायं 6 बजकर13 मिनट और 6 सैकंड पर होगी। यह ग्रहण भी भारत में दृश्य नहीं होगा। यह केवल उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड आइसलैंड उत्तरी अटलांटिक महासागर, सम्पूर्ण यूरोप व उत्तर-पश्चिम रसिया में दिखाई देगा।
तीसरा ग्रहण होगा पूर्ण चंद्रग्रहण
नए वर्ष का तीसरा चंद्रग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। यह ग्रहण 7 व 8 सितम्बर 2025 को होगा। भारतीय समय के अनुसार पूर्ण चंद्रग्रहण का प्रारम्भ 7 सितम्बर की रात 9 बजकर 56 मिनट और 8 सैकेंड पर होगा। मध्य की स्थिति रात 11 बजकर 41 मिनच और 8 सैकेंड पर होगी। इस समय चन्द्रमा का 136.8 प्रतिशत भाग ढंका होगा। मोक्ष की स्थिति 8 सितम्बर की मध्य रात 1 बजकर 26 मिनट और 8 सैकेंड पर होगी। यह ग्रहण भारत के अलावा अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर आस्ट्रेलिया, एसिया, हिन्द महासागर, व, यूरोप में भी दिखाई देगा।
आखरी ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण होगा
उन्होंने बताया कि नए वर्ष का चौथा ग्रहण अंतिम ग्रहण होगा जो आंशिक सूर्यग्रहण होगा। यह ग्रहण 21 व 22 सितम्बर 2025 को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण का प्रारम्भ 21 सितम्बर की रात 10 बजकर 59 मिनट और 8 सैकेंड पर होगा। मध्य की स्थिति 22 सितम्बर की मध्यरात्रि 1 बजकर 11 मिनट और 9 सैकेंड पर होगी। इस समय सूर्य का 85.5 प्रतिशत भाग ढंका होगा। मोक्ष की स्थिति मध्यरात्रि 3 बजकर 23 मिनट और 6 सैकंड पर होगी। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। यह केवल न्यूजीलैण्ड, पूर्वी मलानेशिया, दक्षिणी पोलिनेशिया व पश्चिमी अंटार्कटिका में दृश्य होगा।
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