नई दिल्ली (New Delhi) । देश में ज्यादा निर्यात (export) करने वाले जिलों को प्रमुखता से सड़क, हवाई और रेलमार्ग से जोड़ने की दिशा में बजट में खास प्रावधान किए जा सकते हैं। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्तमंत्रालय ऐसे प्रस्ताव पर काम कर रहा है ,जिसके मुताबिक वैश्विक मोर्चे (global front) पर निर्यात के लिहाज से जरूरी शहरों में नई सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में अलग से प्रावधान किए जाने की जरूरत है।
‘एक जिला एक उत्पाद’ वाले राज्यों को फायदा
मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक शुरुआती चरण में इसे पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तौर पर लॉन्च किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में करीब 100 जिलों को शामिल किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक इस पायलट प्रोजेक्ट में एक जिला एक उत्पाद वाले यूपी, बिहार जैसे कई राज्यों को भी शामिल किया जा सकता है।
उद्योग जगत ने कई बार सरकार के सामने ये मांग रखी है कि इंफ्रास्ट्रक्चर (infrastructure) की कमी की वजह से कई खास जगहों से निर्यात महंगा हो जाता है। दुनियाभर में भारतीय सामानों की मांग तो अच्छी खासी है लेकिन कई वस्तुओं ऐसी हैं जो कीमत के मामले में हो रही प्रतिस्पर्धा में पीछे छूट जाती है।
निर्यात हब से भी सीधे तौर पर इन्हें जोड़ने की कवायद
सरकार की कोशिश है कि ऐसे जिलों में न केवल नया इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया जाए बल्कि नई लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत बनाए जा रहे निर्यात हब से भी सीधे तौर पर इन्हें जोड़ा जाए। इससे सामान के ट्रांसपोर्टेशन की लागत घटेगी और वैश्विक बाजार में दाम को लेकर भारतीय उत्पाद ज्यादा मुफीद हो सकेंगे।
कोरोना के बाद से ही सरकार का आत्मनिर्भर भारत पर फोकस बढ़ा है। पिछले कुछ सालों में सरकार ने उत्पादन आधारित इंसेंटिव यानि पीएलआई योजना के जरिए देश में उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल की है। अब सरकार की कोशिश उत्पादन और और निर्यात के रास्ते में आ रही दिक्कतों को दूर करने की रहने वाली है।
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