भोपाल। राजधानी में इस बार ठंड जोरदार होगी। मानसून की विदाई के बाद दो दिन से मौसम में परिवर्तन आया है। जाड़े का आगाज हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो इस महीने के मध्य तक ठंड असर दिखाने लगेगी। ठंड का यह सीजन कड़ाके की सर्दी वाला होगा। शीतकाल लम्बा होने का अनुमान है। साल की आखिरी और नए वर्ष के पहले महीने में ठिठुराने वाली सर्दी होगी। इस दौरान शीतलहर और ओलावृष्टि मौसम को प्रभावित कर सकती है। बीते वर्ष की तुलना में न्यूनतम स्तर पर पारा और नीचे लुढ़कने की सम्भावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार शीतकाल में ज्यादा दिन तक सर्दी रहेगी। इस समय ला-नीना की स्थिति बन रही है। ला-नीना प्रभाव के कारण ठंड में हवा तेज चलती हैं। इसके कारण शीतकाल लम्बा होने के साथ ही कड़ाके की ठंड पडऩे की सम्भावना है। अनुमान है कि नवम्बर से जम्मू-कश्मीर के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव रहेगा। इसके मैदानी क्षेत्रों की ओर शिफ्ट होने के साथ जाड़े का असर बढ़ेगा। नवम्बर और दिसम्बर के पहले पखवाड़े तक धीरे-धीरे तापमान कम होगा। दिसम्बर के दूसरे पखवाड़े से मकर संक्राति के बीच पहाड़ी राज्यों से आकर सर्द हवा मौसम को और ठंडा बनाएगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार दक्षिण-पश्चिम मानूसन देर से विदा हुआ है। चार वर्ष बाद मानसून की विदाई में इतना विलम्ब हुआ। वर्षों बाद ऐसी स्थिति बनी जब मानसून को लौटने में करीब एक महीने का समय लगा। लेकिन, दक्षिण-पश्चिम मानसून के लौटने के तीन-चार दिन के अंदर ही हवा की दिशा उत्तरी हो गई है। हिमालय की वादियों में बर्फबारी के साथ हवा की गति जैसे-जैसे बढ़ेगी पारा नीचे जाएगा। जाड़े का असर बढ़ेगा। सर्द हवा मौसम को प्रभावित करेगी। जल्द ही गुलाबी ठंड मौसम को बदल देगी।
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