भोपाल: देश में लोकसभा चुनाव खत्म (Lok Sabha elections are over) होते ही 89 दिन बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक (MP cabinet meeting) बुलाई गई. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कैबिनेट में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव के बाद हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी नौकरियों को लेकर बड़ा फैसला हुआ. मोहन कैबिनेट ने लगभग 24 हजार 420 करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी को मंजूरी दी. इससे किसानों और आम आदमी सीधा फायदा होगा.
राज्य सरकार इस सब्सिडी को अलग-अलग वर्ग के लोगों को दे रही है. घरेलू उपभोक्ताओं को छह हजार करोड़ की सब्सिडी मिल रही है. विजयवर्गीय ने बताया कि स्वास्थ्य स्वास्थ्य विभाग में नए पदों के भर्ती को कैबिनेट की मंजूरी 1207 पद सीधी भर्ती होगी. सरकार आधे प्रमोशन से होंगे तो आधे भर्ती से भरेगी. बम्पर पदों पर भर्ती को मोहन कैबिनेट की हरी झंडी मिल गई है. एमपी में 46491 नये पदों पर भर्ती होंगी. इसमें तृतीय-चतुर्थ श्रेणी और पैरामेडिकल का स्टाफ शामिल है.
कैबिनेट के बड़े फैसले
प्रदेश में प्रमोशन न होने से डॉक्टरों के खाली पड़े 607 पदों को सीधी भर्ती प्रक्रिया के तहत भरा जाएगा.
मध्य प्रदेश में 46491 नए पदों का सृजन कर भर्ती करने का फैसला किया गया है. यह भर्ती अलग-अलग विभागों में होगी.
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने इसके अलावा बिजली सब्सिडी के लिए 24420 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दी है.
सीएम डॉ मोहन यादव ने निर्देश दिए थे कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जाए.
विजयवर्गीय ने बताया कि यह साल को गोवंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. गौशालाओं को उन्नत करना सड़क पर जो गोवंश घूमता रहता है. कैबिनेट ने गायों को पकड़ कर गौशालाओं तक पहुंचाने, बीमार है तो इलाज उपलब्ध करवाने और हाइड्रोलिक गाड़ियां लाकर उन्हें गौशाला तक पहुंचाने का संकल्प लिया है. कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों को उच्छ शिक्षा से जोड़ा गया है. इसमें रानी अवंती बाई विश्वविद्यालय सागर, तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना और क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगोन शामिल है. विवि को उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध करते हुए सुविधाएं देने के लिए कहा गया है.
कैबिनेट बैठक में सीए मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में कोई भी योजना बंद नहीं होगी. 6 महीने में से 3 महीने आचार संहिता में गए. लोकसभा चुनाव में ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई जिससे लोकतंत्र प्रभावित हुआ हो. मध्य प्रदेश को 6 मंत्री मिले अच्छे परिणाम के बाद अच्छा प्रतिनिधित्व मध्य प्रदेश को मिला. केन बेतवा लिंक योजना से नदी जोड़ो अभियान शुरू हुआ. काली सिंध योजना का उलझा मसाला भी हल हुआ. गांधी सागर मामले का अच्छा समाधान निकलेगा. यहां हमारी जमीन अधिक गई और पानी कम मिला था. उज्जैन की तर्ज पर जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होंगे. पिछले साल की तुलना में 26% जीएसटी कलेक्शन अधिक हुआ. लाड़ली बहना योजना और लाड़ली लक्षमी योजना में राशि जारी की गई है.
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