भोपाल। पुलिस मुख्यालय में अतिरिक्ति पुलिस महानिदेशक स्तर के अफसरों की पहले से भरमार है। अब एडीजी के पदों की संख्या में और इजाफा होने वाला है। पीएचक्यू ने आईपीएस अफसरों का कैडर रिव्यू का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा है। जिसमें एडीजी के 16 नए पद होंगे। ऐसे में एडीजी स्तर के अफसरों की संख्या 60 से ज्यादा हो जाएगी। तब पुलिस मुख्यालय में एडीजी स्तर के इतने अफसरों के बैठने लायक जगह ही नहीं बचेगी। पांच साल बाद आईपीएस अफसरों का कैडर रीव्यू में 15 फीसदी पद बढ़ाने की तैयारी है, जिसमें एडीजी के ही 16 नए पद शामिल हैं। यह स्थिति तब है, जब आईजी की 15 पोस्ट के विरुद्ध एडीजी बने हुए हैं। इस समय पुलिस महकमे में कुल 42 एडीजी हैं। इसमें सोलह पद कैडर के और इतने ही एक्स कैडर के पद हैं। बाकी पदों पर उन्होंने आईजी के पद को समायोजित करके एडीजी बना दिए हैं। जनवरी 2020 में तो यह संख्या 50 से अधिक थी, लेकिन रिटायर होते-होते यह संख्या कम हो गई। फिर भी यह कुल मंजूर पदों की तुलना में ज्यादा हैं। बहरहाल, एडीजी के नए पदों के साथ इस बार आईपीएस कैडर की संख्या 43 बढ़ाने की तैयारी है। वर्ष 2015 में जब कैडर रिव्यू हुआ था, तब 158 से बढ़कर संख्या 166 हो गई थी। तब पांच प्रतिशत के आसपास पद बढ़ाए गए थे।
सरकार को बढ़ाने होंगे पद
25 साल की सेवा पूरी होने पर एडीजी पद पर प्रमोशन का प्रावधान है। डीजी के लिए भी सेवा 30 साल तय है। कई अधिकारियों की सेवाएं इन पैरामीटर पर पहुंच गई हैं। इसीलिए एडीजी के पद बढ़ाकर सभी को प्रमोशन दिया जा सके, ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इससे सालाना वित्तीय भार पांच करोड़ रुपए से भी कम है।
348 होगी आईपीएस कैडर संख्या
प्रदेश् में आईपीएस कैडर की स्वीकृत संख्या 213 है। इसमें कैडर पोस्ट 166, सेंट्रल डेपुटेशन में 66, स्टेट डेपुटेशन में 41 पद हैं। ट्रेनिंग के लिए रिजर्व पांच पोस्ट हैं। जूनियर पोस्ट रिजर्व कैटेगरी में 27 हैं। इसी तरह 92 वो पद शामिल हैं, जो एसपीएस के प्रमोशन से भरी जाना है। यानि कुल संख्या अभी 305 है। नए प्रस्ताव में यह संख्या बढ़कर 348 के आसपास हो जाएगी।
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