भोपाल। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण के दौरान टीकाकरण केंद्र में भीड़ न हो, इसलिए टीका लगवाने वालों को एसएमएस भेजकर जगह और समय बताया जाएगा। आधार कार्ड, वोटर आइडी, मनरेगा कार्ड से 50 साल से ऊपर के लोगों का डाटा लिया जाएगा। इसके अलावा बीपी, डायबिटीज और कैंसर के मरीजों की पहचान के लिए इसी साल फरवरी में प्रदेशभर में किए गए गैर संचारी रोग (एनसीडी) सर्वे से भी जानकारी ली जाएगी। इससे जो मरीज छूटे होंगे, उनकी पहचान के लिए अस्पतालों में विशेष काउंटर के साथ ही रहवासी क्षेत्रों शिविर भी लगाने की तैयारी है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि टीकाकरण से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों को ऑपरेशनल गाइडलाइन के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि टीका कितना, किस अंग में लगाया जाना है। टीका लगाने के पहले लगवाने से एलर्जी, बुखार व कभी पॉजिटिव आए हैं या नहीं, इस बारे में जानकारी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि 24 दिसंबर तक ब्लॉक स्तर तक के अधिकारियों का ऑनलाइन प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। इसके बाद 26 से 31 दिसंबर तक आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कोरोना से संक्रमित होने पर छह हफ्ते तक नहीं लगेगा टीका
डॉ. शुक्ला ने बताया कि टीका लगाने के पहले यह जानकारी ली जाएगी कि पिछले छह हफ्ते के भीतर संक्रमित तो नहीं आए हैं। संक्रमित होने की स्थिति में टीका नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने पर छह हफ्ते तक असर रहता है, इसलिए ऐसी व्यवस्था की गई है।
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