भोपाल। प्रदेश में लोगों की शिकायत और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में अब अखिल भारतीय सेवा के अफसर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस एवं अन्य वर्ग के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति लेना जरूरी होगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में नए निर्देश सभी विभागों जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरणों का मानकीकरण एवं संचालन के संबंध में प्रक्रिया के निर्धारण के बारे में कहा गया है। निर्णय लेने संबंधी सक्षम प्राधिकारी अखिल भारतीय सेवा एवं वर्ग-1 के अधिकारियों के मामले में समन्वय में मुख्यमंत्री होंगे।
वर्ग-2, वर्ग-3 एवं वर्ग-4 के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मामले में संबंधित निर्णय प्रशासकीय विभाग लेगा। अनुमति के लिए प्राप्त प्रस्ताव का सर्वप्रथम संबंधित प्रशासकीय विभाग के नामांकित अधिकारी द्वारा चेक लिस्ट अनुसार प्रस्ताव की पूर्णता की जांच की जाएगी। प्रस्ताव पूर्ण रूपेण होने की स्थिति में संबंधित विभाग प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर अखिल भारतीय सेवा एवं वर्ग -1 के अधिकारियों के मामलों में समन्वय में आदेश प्राप्त करेगा। अन्य के मामलों में प्रशासकीय अनुमोदन के आधार पर निर्णय अनुसार जांच एजेंसी को निर्णय की जानकारी देगा।
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