नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में अभी पार्टी के मुखिया का चुनाव (election of chief) नहीं होने वाला है। जानकारी के मुताबिक, जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल 2024 तक बढ़ा दिया जाएगा। 20 जनवरी 2023 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। बता दें कि जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) पहले सात महीने के लिए भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) का पद संभाला था। इस हिसाब से 20 जनवरी 2023 में उनके तीन साल पूरे हो रहे हैं। हालांकि अब 2024 के आम चुनाव तक भाजपा की कमान उनके ही हाथ में रह सकती है।
छात्र जीवन से ही राजनीति में उतरे जेपी नड्डा साफ छवि के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा आरएसएस के भी वह करीबी माने जाते हैं। वह ना केवल केंद्र बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी मंत्री रह चुके हैं। 1998 से 2003 तक वह हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहे। इसके बाद धूमल सरकार में भी 2008 से 2010 तक भी उन्होंने मंत्रिपद संभाला। 2012 में वह पहली बार राज्यसभा से सांसद बने। मोदी सरकार में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।
कहा जाता है कि दिल्ली के सिंहासन का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान जेपी नड्डा को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी। चुनौती आसान नहीं थी क्योंकि सपा और बसपा साथ मिलकर चुनौती दे रही थी। हालांकि जेपी नड्डी की रणनीति ने कमाल किया और यूपी में भाजपा को 64 सीटों पर जीत हासिल हुई। वहीं सपा, बसपा को मिलाकर केवल 15 सीटें ही मिली थीं। इस जीत के बाद पार्टी में जेपी नड्डा का कद बढ़ा।
भारतीय जनता पार्टी में पहले प्रदेश के संगठनों का चुनाव होता है। जब आधे राज्यों में चुनाव हो जाते हैं तब राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक एक निर्वाचक मंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करता है। इसके अलावा जो भी अध्यक्ष बनना चाहता है उसके लिए कम से कम 15 साल से पार्टी का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। निर्वाचक मंडल में कम से कम 20 सदस्यों का समर्थन उम्मीदवार को होना चाहिए। इसके अलावा पांच राज्यों से भी प्रस्ताव आना चाहिए।
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