नई दिल्ली। कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के एक फैसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने उस फैसले पर रोक लगाई है, जिसमें उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाले (teacher recruitment scam) में पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की जांच (Investigation into the role of Bengal government officials) के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई की। पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी, जिसमें उच्च न्यायालय ने राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य कर दिया था। पीठ अब इस मामले की सुनवाई छह मई को करेगी।
हालांकि, सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि हम कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाते हैं, जिसमें सीबीआई को राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए गए थे। हाईकोर्ट ने नियुक्तियां अमान्य करते हुए कहा था कि जिन लोगों को एसएससी पैनल की समाप्ति के बाद नौकरी मिली, उन्हें जनता के पैसे से भुगतान किया गया। सभी को चार सप्ताह के अंदर ब्याज सहित वेतन लौटाना होगा। सभी को 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ पैसा लौटाना होगा।
नए लोगों को नौकरी मिलेगी। हाई कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर अंदर प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। ममता बनर्जी ने हाल ही में हाईकोर्ट के फैसले को अवैध बताया। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के साथ खड़े हैं, जिनकी नौकरियां चली गईं हैं। बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल द्वारा न्यायपालिका के निर्णयों को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है।
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