भोपाल। प्रदेश (Pradesh) में भाजपा (BJP) संगठन के चुनाव में उम्र का बंधन होने की वजह से अभी तक यह अटकलें लगाई जा रहीं थी कि निकट भविष्य में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में भी टिकट के लिए उम्र का बंधन रहेगा। भाजपा (BJP) प्रदेशाध्यक्षी वीडी शर्मा (VD Sharma) ने उम्र के बंधन की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इंदौर (Indore) में ऐलान किया है चुनाव में जीत की प्राथमिकता रहेगा। टिकट के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं होगी। बतौर प्रदेशाध्यक्ष विधायक हो या पूर्व विधायक, किसी को भी मेयर का टिकट मिल सकता है। जो जीत सकने वाला होगा, उसी को टिकट देंगे। भाजपा (BJP) प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) के इस ऐलान के बाद उन उम्रदराज नेताओं को टिकट की उम्मीदें फिर से जाग गई हैं, जो अभी तक आयु सीमा की वजह से खुद को टिकट की दौड़ से बाहर मान रहे थे। शर्मा ने कहा टिकट के लिए उम्र के कोई मायने नहीं। यह महज चर्चा और प्रयास होता है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका मिले। इसका मतलब यह नहीं कि हम पुराने नेताओं को मौका नहीं देंगे। उन्होंने कहा भाजपा (BJP) आम जनता से मिले सुझाव के आधार (Aadhar) पर घोषणा पत्र जारी करेगी।
भाजपा (BJP) निगम चुनाव के लिए तैयार
पिछले एक पखवाड़े से प्रदेश के दौरे पर निकले वीडी शर्मा (VD Sharma) ने कहा कि अब भाजपा निकाय चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। चुनाव आयोग कब चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करता है, यह आयोग का काम है। जो भी चुनाव आयोग तय करेगा, वही मान्य होगा।
सोशल मीडिया का देश हित में उपयोग करें युवा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) ने कहा आज देश का दृश्य बदल गया है। देश की सीमाएं सुरक्षित हो गईं हैं तो अब कुछ लोग सोशल मीडिया पर उतर आए हैं। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर पर देश को लगातर बदनाम कर रहे हैं। इसलिये युवाओं पर आज एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। युवाओं को देशहित में सोशल मीडिया का उपयोग करना है। जिस दिन हम सोशल मीडिया का उपयोग देश विरोधी ताकतों को जवाब देने का करने लगेंगे, उस दिन देश को बदनाम करने वाले लोगों को इस प्लेटफार्म से भी भागना पड़ेगा। शर्मा ने कहा कि आज युवा भाजपा (BJP) से जुडऩा चाहता है। हमारे युवा मोर्चा के कार्यकर्ता संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने का काम तो करें ही साथ-साथ सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और देश को बदनाम करने वाले लोगों को जवाब देने का काम भी करना है। आज वामपंथी और दिग्विजयसिंह (Digvijay Singh) जैसे लोग भारत के नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हैं तो उन्हें सोशल मीडिया पर खदेडऩे का काम युवाओं को करना है।
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