नई दिल्ली। एक फरवरी से एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) के नियम बदल जाएंगे। पेंशन फंड नियामक (pension fund regulator) और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के मुताबिक, अब एनपीएस खाते (NPS account) से 25 फीसदी से ज्यादा की राशि नहीं निकाली जा सकती। इस राशि में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का पैसा शामिल होगा। खाते से निवेश के दौरान केवल तीन बार आंशिक निकासी की जा सकती है।
एनपीएस से 25 फीसदी राशि तीन साल के बाद कभी भी निकाली जा सकती है। इसके लिए तीन साल तक इसमें निवेश करना होगा। बच्चों की पढ़ाई, विवाह, घर खरीदने, बीमारी का इलाज करने, कोई स्टार्टअप शुरू करने या किसी भी इमरजेंसी पर एनपीएस से 25 फीसद तक की राशि निकाली जा सकती है। एनसीपी से खाताधारक तभी पैसा निकाल सकते हैं, जब वे अकाउंट खुलने के बाद तीन साल तक इसके सदस्य हों। एनपीएस खाते से 25 फीसदी से ज्यादा की राशि नहीं निकाली जा सकती। खाताधारक केवल तीन बार ही खाते से आंशिक निकासी कर सकते हैं।
एनपीएस से पैसे निकालने के लिए सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी के प्रतिनिधि सरकारी नोडल अधिकारी के जरिए रिक्वेस्ट की जा सकती है। इसमें आप पैसे किसलिए निकालना चाहते हैं, इसकी वजह और अन्य जानकारी देनी पड़ेगी। अगर खाताधारक बीमार है तो उसकी जगह पर परिवार का कोई अन्य सदस्य या नॉमिनी रिक्वेस्ट कर सकता है। बता दें कि एनपीएस भारत सरकार का कार्यक्रम है। यह पीएफआरडीए की देखरेख में संचालित होता है। एनपीएस इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियों के अलावा कारपोरेट बॉन्ड जैसी विभिन्न जगहों पर पैसा निवेश करता है।
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