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    फिर होगा हादसा, बावड़ी पर धर्मस्थल

  • June 12, 2024

    • 100 साल से पुरानी बावड़ी में जाने के लिए 2 फीट का रास्ता, उसी रास्ते पर पूजा-पाठ शुरू

    इंदौर। शहर में जलसंकट को लेकर कुएं-बावडिय़ों की सफाई को लेकर खूब ढिंढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन जमीन पर हालात बिल्कुल विपरीत हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जब एक बावड़ी की सफाई को लेकर फाइल मंजूर हो गई और टेंडर होने के बाद संबंधित ठेकेदार को काम भी दे दिया गया, लेकिन निगम की ओर से वर्कआर्डर अभी तक जारी नहीं हुआ। यही नहीं, कई फीट चौड़ी बावड़ी की हालत ऐसी हो गई है कि वह किसी भी दिन धंस सकती है, बावजूद इसके ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही नहीं, अतिक्रमण के कारण बावड़ी में जाने के लिए दो फीट का जो रास्ता बचा था वहां भी किसी ने धर्मस्थल बनाकर पूजा-पाठ शुरू कर दिया है। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा?

    इंदौर में लगातार साल-दर-साल भूमिगत जलस्तर कम हो रहा है। इसका कारण बढ़ती आबादी तो है ही, वहीं प्राकृतिक रूप से बने पुराने कुएं-बावडिय़ों और तालाबों का रखरखाव भी नहीं होना है। जब तेज गर्मी पड़ रही थी, तब इन कुएं-बावडिय़ों का ख्याल नगर निगम को आया और उसकी सफाई शुरू करवाई गई। ये कितनी कारगर होगी और जमीन में कितना जलस्तर बढ़ेगा, यह पूरी तरह से नगर निगम के उन अधिकारियों के भरोसे है, जो फाइलें तो मंजूर करवा लेते हैं, लेकिन उनका काम कराने के लिए इंतजार करते रहते हैं। राजकुमार ब्रिज के पास नगर निगम का बरसों पुराना मार्केट बना हुआ है, जिसके स्थान पर अब नया मार्केट बनना है, लेकिन जमीन किस विभाग की है, इस चक्कर में इसका काम अटका हुआ है। इसी मार्केट के पास 100 साल पुरानी एक बावड़ी है, जो काफी चौड़ी और गहरी भी है, लेकिन बावड़ी पर स्लैब डालकर वहां दुकानें बना ली गई हैं।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि वे तो जब से यहां रहने आए हैं, तब से ही इस बावड़ी को देख रहे हैं। बावड़ी की खासियत यह है कि यह कई फीट चौड़ी है और पूरी पत्थरों से बनी हुई है। जब से बावड़ी का उपयोग कम हुआ है, तब से इसको पूरी तरह से ढंक दिया गया और केवल दो फीट की जगह छोड़ी गई है, जहां लोहे की जाली लगा दी गई है। इस जगह पर भी किसी ने पूजा-पाठ कर धर्मस्थल बना दिया है, जिसके कारण वहां जाने और तोड़ाफोड़ी करने से निगम अधिकारी डरते हैं। इस बावड़ी के जीर्णोद्धार के लिए लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के पहले 18 लाख रुपए मंजूर हुए थे और टेंडर भी हो गए थे तथा श्यामू वर्मा नामक ठेकेदार को काम भी मिल गया था, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया। पंचम की फैल झोन के उपयंत्री राम गुप्ता ने इस मामले में कहा कि आचार संहिता के कारण वर्कआर्डर नहीं हो पाए थे, इसलिए अब वर्कआर्डर कर रहे हैं। अब बावड़ी की यह हालत है कि आसपास से धंसने लगी है और उस पर डाली गई स्लैब भी टूटने लगी है। किसी भी दिन यहां पटेल नगर जैसी बावड़ी की तरह बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन निगम अधिकारियों को इसकी चिंता नहीं है। कुछ दुकानें भी बावड़ी पर अतिक्रमण बना ली गई हैं।

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