इंदौर। पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के जानकारों का कल से इंदौर में 2 दिन जमावड़ा रहेगा। देश-विदेश के आयुर्वेद जानकार शहर के अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में सहभागिता देंगे और पुरातन चिकित्सा पद्धति में आज के स्वरूप पर मंथन करेंगे।
अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज का 12 दिसंबर 1971 में सरकार ने अधिग्रहण किया था। आयुर्वेद कॉलेज की स्थापना इंदौर में 1921 में हुई थी। कॉलेज के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन 17 व 18 दिसंबर को किया जा रहा है। इसमें अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले सैकड़ों की संख्या में पुराने छात्र शामिल हो रहे हैं। इनके साथ ही देश और विदेश के साथ आयुर्वेद के जानकार भी इस आयोजन में सहभागिता देंगे।
पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अलग-अलग विषयों पर सेमिनार में विषय विशेषज्ञ अपनी राय देंगे और वर्तमान में इसकी आवश्यकता और महत्व को भी समझाएंगे। आयुर्वेद के जानकारों के लिए यह सम्मेलन खास इसलिए भी रहेगा कि इसमें ख्यातनाम विद्वान प्रतिभाओं से रूबरू होंगे। आयुर्वेद कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में वर्तमान जीवनशैली खानपान और व्यायाम को लेकर विषय विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे। जीवनशैली में भी काफी हद तक बदलाव से नई-नई बीमारियां पैदा हो रही हैं, इस पर भी चर्चा की जाएगी।
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