नई दिल्ली। खाने के तेल की कीमतों को पर अंकुश के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) ने राष्ट्रीय मिशन शुरू करने पर मुहर लगा दी है. सरकार ने खाद्य तेल (edible oil) के आयत पर निर्भरता कम करने तथा इसके उत्पादन बढ़ाने के लिए 11,040 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय मिशन शुरू करने का निर्णय लिया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) ने खाद्य तेलों के लिए आयात पर निर्भरता को कम करने को 11,040 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय खाद्य तेल (पॉम ऑयल) मिशन (National Mission on Edible oils-Oil Palm (NMEO-OP) को बुधवार को मंजूरी दे दी है.
पीएम ने किया था ऐलान
गौरतलब है कि देश में आसमान छूते खाद्य तेलों के दाम पर अंकुश के लिए गत 9 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अहम ऐलान किया था. तेल के दाम पर अंकुश और किसानों की आय बढ़ाने के लिहाज से पीएम मोदी ने पाम ऑयल के उत्पादन को लेकर एक राष्ट्रीय योजना का ऐलान किया था.
पीएम ने खाने के तेल में देश को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (पॉम ऑयल) का ऐलान किया था जिसके लिए सरकार करीब 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इस योजना के तहत केंद्र सरकार साल 2025-26 तक देश में पाम ऑयल का उत्पादन तीन गुना बढ़ाकर 11 लाख मीट्रिक तक करने का लक्ष्य रखती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार की हुई बैठक में कृषि मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई .सरकार ने पॉम की खेती पर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी और रोपण सामग्री पर सहायता बढ़ाने का भी निर्णय किया है.
क्या कहा था पीएम ने
इस योजना से पाम ऑयल (palm oil) के उत्पादन को बढ़ावा मिलने और आयात पर निर्भरता में कमी आएगी. पीएम मोदी ने कहा था, ‘जो काम हमारे किसानों ने दलहन में किया है, वही संकल्प अब हमें तिलहन में काम करना होगा. खाने के तेल में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (पॉम ऑयल) का संकल्प लिया गया है. इस मिशन के माध्यम से खाने के तेल के उत्पादन को बढ़ाने के के लिए 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इसके तहत किसानों को हर तरह की सुविधा दी जाएगी. इसके तहत पारंपरिक तिलहन की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि भारत (India) में पाम ऑयल (palm oil) खेती के लिए हर तरह की संभावनाएं हैं. गौरतलब है कि अभी भारत में करीब 93 लाख मीट्रिक टन पाम ऑयल की सालाना खपत होती है जिसका करीब 99 फीसदी हिस्सा मलेशिया और इंडोनेशिया से आयात किया जाता है.
क्या है योजना
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से कहा कि पाम तेल के कच्चे माल का दाम केंद्र सरकार तय करेगी. इसके साथ ये भी निर्णय किया गया है कि अगर बाजार में उतार-चढ़ाव आया और किसान की फसल का मूल्य कम हुआ तो जो अंतर की राशि है वो केंद्र सरकार DBT के माध्यम से किसानों को भुगतान करेगी.
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