– महेन्द्र सिंह सिसोदिया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संकल्प है कि प्रदेश का कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा। हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2024 तक हर व्यक्ति को पक्का आवास उपलब्ध करा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान के इसी संकल्प को पूरा करने के लिये प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस योजना में तेजी से कार्य जारी है और इसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार, 29 मार्च को प्रदेश के 5 लाख 21 हजार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में गृह-प्रवेश (वर्चुअल) करायेंगे। प्रदेश में अभी तक इस योजना में 24 लाख 10 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। वर्ष 2016-17 में योजना में 152 आवास पूर्ण हुए थे, वर्ष 2017-18 में 6 लाख 36 हजार, वर्ष 2018-19 में 6 लाख 79 हजार, वर्ष 2019-20 में 2 लाख 71 हजार, वर्ष 2020-21 में 2 लाख 60 हजार एवं वर्ष 2021-22 में 5 लाख 41 हजार से अधिक प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट में बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजातियों के स्वीकृत आवासों में से 23 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं।
भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) देश में शुरू की गई। इसमें सभी पात्र बेघर परिवारों एवं कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2024 तक पक्का आवास उपलब्ध कराया जायेगा, जिनमें सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी।
योजना में हितग्राही का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची के आधार पर किया जाता है। योजना में समतल क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों को 01 लाख 20 हजार रुपये प्रति आवास एवं आईपीए जिलों (इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान फॉर ट्राइबल एण्ड बेकवर्ड डिस्ट्रिक्ट) में 01 लाख 30 हजार रुपये प्रदान किये जाते हैं। आवास स्वीकृत होने पर 25 हजार रुपये की पहली किश्त, प्लिंथ स्तर पर 40/45 हजार रुपये की दूसरी किश्त, लिंटल स्तर पर 40/45 हजार रुपये की तीसरी किश्त तथा आवास पूर्ण होने पर 15 हजार रुपये की चौथी किश्त दी जाती है। साथ ही शौचालय निर्माण के लिये 12 हजार रुपये अतिरिक्त रूप से दिये जाते हैं। मनरेगा योजना में आवास के हितग्राही को 90 से 95 दिन की मजदूरी का भुगतान भी किया जाता है।
सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची में छूटे हुए पात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास दिलवाने के लिये आवास प्लस योजना शुरू की गई है। इसमें प्रदेश में छूटे हुए 31 लाख 36 हजार परिवारों का नाम जोड़ा गया है, जिन्हें भारत सरकार की गाइड-लाइन अनुसार आवास दिये जा सकेंगे।
प्रदेश में अभ्युदय नवाचार के माध्यम से ऐसे ग्राम अथवा ग्राम पंचायतें, जहां 100 से अधिक आवास बन रहे हैं, वहां विभिन्न योजनाओं को जोड़कर एकीकृत कार्य-योजना बनाई जाती है, जिससे ग्राम एवं ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास हो सके। इसमें सामुदायिक और व्यक्तिगत अधोसंरचना निर्माण, सामाजिक सुरक्षा, आजीविका सुदृढ़ीकरण आदि कार्य किये जाते हैं। अभ्युदय नवाचार में पूरे प्रदेश में अभी तक 2731 ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें से 1668 ग्रामों के सर्वांगीण विकास की विस्तृत कार्य-योजना बनाई जा चुकी है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रिक्स के उपयोग के लिये हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ये ईंटें सामान्य ईंटों की तुलना में सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण होती हैं।
प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को भी आवास निर्माण के कार्य से जोड़ा गया है। प्रदेश में 33 स्व-सहायता समूहों के 300 से ज्यादा सदस्य लगभग 60 से 65 हजार फ्लाई ऐश ईंट प्रतिदिन बना रहे हैं। इसके अलावा लगभग 2800 स्व-सहायता समूहों के 11 हजार 840 सदस्यों को बैंकों से ऋण दिलवा कर सेन्टरिंग सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं का आर्थिक सुदृढ़ीकरण भी हो रहा है।
(लेखक मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री हैं।)
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