भोपाल। मप्र पुलिस में नए साल 2023 पर बड़ा फेरबदल होने वाला है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी में अफसरों की जंबो सूची जारी की जा सकती है। चुनाव मैदान में उतरने से पहले 23 जिलों के एसपी बदले जाएंगे। इसके साथ ही 50 से ज्यादा एएसपी, डीएसपी औए कई आईजी-डीआईजी का तबादला किया जाएगा। तबादला सूची तैयार है। जल्द ही ऑर्डर जारी हो जाएंगे। हालांकि तबादलों की वजह ये बताई जा रही है कि जिन अफसरों के फील्ड में तीन साल पूरे हो चुके हैं उन्हें यहां से वहां किया जा रहा है। इसके अलावा प्रमोशन और परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी पैमाना है।
दरअसल, मध्यप्रदेश कैडर के वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अफसर एक साथ डीआईजी नहीं बन पाएंगे। फिलहाल एसपी स्तर के 14 अफसरों को पदोन्नत किया जाएगा। बचे हुए अफसर बाद में डीआईजी बनाए जाएंगे। उन्हें पद रिक्त होने तक इंतजार करना पड़ेगा। पदोन्नत होने वाले अफसरों को फिलहाल उसी स्थान पर पदस्थ किया जाएगा, जहां पर वे अपनी सेवाएं दे रहे हैं आईपीएस अफसरों का बड़ा फेरबदल 12 जनवरी के बाद किए जाने की संभावना है। मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अफसरों को पदोन्नति देने के लिए डीपीसी 25 नवंबर 2022 को हुई थी। रूडोल्फ अल्वारेज के प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद से एमपी कैडर में वर्ष 2009 बैच के वर्तमान में 25 अधिकारी हैं। उन्हें पदोन्नति देने के लिए 25 पदों की दरकार है। इनमें तीन सीधी भर्ती के आईपीएस हैं, जबकि 22 अधिकारी एसपीएस कैडर से आईपीएस बने हैं।
डीआईजी के 14 पद रिक्त होंगे
डीआईजी के वर्तमान में 10 पद रिक्त हैं। एक जनवरी 2023 की स्थिति में दो डीआईजी पदोन्नत होंगे और दो डीआईजी सेवानिवृत्त होंगे। कुल 14 पद रिक्त होंगे। लिहाजा एसपी स्तर के 14 अफसर डीआईजी बन पाएंगे। बचे हुए 11 अफसरों की पदोन्नति पर तलवार लटक गई है। उन्हें फिलहाल इंतजार करना होगा। एमपी के जिन आईपीएस अफसरों को एक जनवरी 2023 की स्थिति में पदोन्नत होना है, उसके लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि 31 दिसंबर 2022 को पदोन्नति संबंधी आदेश जारी कर दिए जाएंगे। अभी तय किया गया कि जो अधिकारी जहां पर पदस्थ हैं, उन्हें उसी पद पर पदोन्नति दे दी जाएगी। उनकी नई पदस्थापना नए साल में बारह जनवरी के बाद होगी इंदौर में 7 से 9 जनवरी के बीच प्रवासी भारतीय सम्मेलन और 10- 11 जनवरी को इंवेस्टर्स समिट का आयोजन होना है आयोजन होने तक इंदौर के अधिकारियों की सरकार हटाना नहीं चाहती है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इंदौर में आने के कारण बाहर के भी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को डियूटी के लिए बुलाया जाएगा। इसलिए फेरबदल को टाला जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 और 17 जनवरी 2023 को कमिश्नर आईजी और कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस बुलाई है। सरकार मैदानी अफसरों को हर साल की तरह नए साल में नया टास्क देना चाहती है। इसलिए उससे पहले फेरबदल कर दिया जाएगा। सरकार की मंशा यह है कि कांफ्रेंस में पुराने अधिकारियों की बजाय नए अफसरों को बुलाया जाए इसलिए फिलहाल यह तय किया गया है कि फेरबदल 12 से 16- जनवरी के बीच कर दिया जाएगा।
ये बनेंगे डीआईजी
2009 बैच के जिन अधिकारियों को डीआईजी बनाना है उनमें तरुण नायक, नवनीत भसीन, अमित सिंह, शशिकांत शुक्ला, संतोष सिंह गौर, मुकेश कुमार श्रीवास्तव, सुनील कुमार पांडे, ओमप्रकाश त्रिपाठी, मोनिका शुक्ला, मनोज कुमार सिंह, सुनील कुमार जैन, अवधेश कुमार गोस्वामी, महेशचंद्र जैन, सविता सोहाने शामिल हैं। सीधी भर्ती के 2009 बैच के अधिकारी रूडोल्प अल्वारेज भी हैं, लेकिन वे प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। वहीं जिन पर पदोन्नति पर तलवार लटकी है उनमें मनोज कुमार श्रीवास्तव, डालूराम तेनीवार, साकेत पांडे, अमित सांधी, टीके विद्यार्थी, सत्येंद्र कुमार शुक्ला, वीरेंद्र कुमार सिंह, प्रशांत खरे, अतुल सिंह, मनीष कुमार अग्रवाल शामिल हैं, क्योंकि डीआईजी के पद रिक्त नहीं हैं।
तीन बैच के आईपीएस अफसर होंगे पदोन्नत
प्रस्ताव के अनुसार 1998 बैच के अफसरों को एडीजी, 2005 बैच के अफसरों को आईजी, 2009 बैच के अफसरों को डीआईजी बनाने और 2010 बैच के अफसरों को सलेक्शन ग्रेड प्रदान किया जाएगा। वर्ष 1998 बैच के आईपीएस विवेक शर्मा, साजिद फरीद शापू और अंशुमान यादव आईजी से एडीजी बनाए जाएंगे। यादव केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है। इसलिए दो पदों की जरूरत है। वर्ष 2005 बैच के आईपीएस अफसर सुशांत सक्सेना और डा. आशीष आईजी बनाए जाएंगे। आईजी और डीआईजी स्तर के अफसरों को पदोन्नति देने के लिए पद रिक्त हैं। दिक्कत एसपी से डीआईजी बनाने में आ रही है, क्योंकि पद रिक्त नहीं हैं। दरअसल, राज्य सरकार की मंशा 2009 बैच के सभी अफसरों को एक साथ पदोन्नति देने की थी। इसको लेकर राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर एसपी स्तर के अफसरों को पदोन्नति देने के लिए रिक्त पदों के विरुद्ध एक बार छूट दिए जाने की मांग की थी। राज्य सरकार यह चाहती थी कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से छूट मिल जाने पर बचे हुए 11 एसपी भी पदोन्नति पाकर डीआईजी बन जाएंगे। राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र ने अमान्य कर दिया
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